लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बांग्लादेश में रहने वाले हिन्दुओं के साहस की प्रशंसा करते हुए कहा है कि जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना अपनी वर्तमान और भावी पीढ़ियों को सुरक्षित रखने के लिए संघर्ष किया है, वे वास्तव में प्रशंसा के पात्र हैं। योगी जी ने इस साहसिक प्रयास को मानवता की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया और ऐसे लोगों को 'नरपिशाचों के सामने डटकर खड़े होने वाले' के रूप में सराहा।
मुख्यमंत्री ने कहा, "मैं अभिनंदन करूंगा उन हिन्दुओं का, जिन्होंने इतना साहस किया है कि बांग्लादेश के अंदर रहकर भी उन नरपिशाचों के सामने अपनी परवाह किए बगैर, अपनी वर्तमान और भावी पीढ़ी को बचाने के लिए सड़कों पर उतरकर दुनिया को उसका वास्तविक चेहरा दिखाया है।" उन्होंने इसे केवल एक धार्मिक नहीं, बल्कि मानवाधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कार्य करार दिया।
यह शेर की “गर्जना” बंग्लादेश तक पहुँचा दो।
— Sudhir Mishra 🇮🇳 (@Sudhir_mish) August 14, 2024
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मैं अभिनंदन करूंगा उन हिन्दुओं का, जिन्होंने इतना साहस किया है कि बांग्लादेश के अंदर रहकर भी उन नरपिशाचों के सामने अपनी परवाह किए बगैर, अपनी वर्तमान और भावी पीढ़ी को बचाने के लिए सड़कों पर उतरकर दुनिया को उसका वास्तविक चेहरा… pic.twitter.com/pg0K6r1qGf
बांग्लादेश में हिन्दुओं की स्थिति पिछले कुछ वर्षों में गंभीर होती गई है। धार्मिक और सांप्रदायिक हिंसा के बढ़ते मामलों ने वहां रहने वाले हिन्दू समुदाय के लिए चुनौतीपूर्ण परिस्थितियाँ पैदा कर दी हैं। इसी के चलते, वहाँ के हिन्दू समुदाय ने अपने अधिकारों और सुरक्षा के लिए कई बार आवाज उठाई है, जो कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अनुसार, बेहद साहसी कदम है।
योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा, "आज जब पूरा विश्व मानवाधिकारों की बात करता है, तो बांग्लादेश के हिन्दुओं का यह साहसिक संघर्ष हमें यह सिखाता है कि न्याय और अधिकारों के लिए संघर्ष करना कितना महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह साबित कर दिया है कि न्याय के लिए लड़ाई कभी व्यर्थ नहीं जाती।"
मुख्यमंत्री ने भारत सरकार से अपील की कि वह बांग्लादेश में हिन्दुओं के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आवाज उठाए। उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार को बांग्लादेश सरकार से इस मुद्दे पर सीधे संवाद करना चाहिए ताकि हिन्दू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
योगी आदित्यनाथ के इस बयान को व्यापक सराहना मिली है और इससे बांग्लादेश में हिन्दू समुदाय के संघर्ष को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलने की उम्मीद बढ़ी है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि भारत, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश सरकार, हर संभव तरीके से बांग्लादेश में रहने वाले हिन्दुओं की मदद के लिए प्रतिबद्ध है।