मोदी सरकार एक बार फिर विवादों के घेरे में है, इस बार 45 टॉप लेवल के अधिकारियों की नियुक्ति के फैसले को लेकर। इन अधिकारियों को 'लेटरल एंट्री' के माध्यम से भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में नियुक्त किया जाएगा, जिनकी सेवा अवधि 5 से 7 साल की होगी। यह नियुक्ति अग्निवीर योजना की तर्ज पर की जा रही है, जिसमें नियुक्त अधिकारियों को विभिन्न प्रकार की सुविधाओं और सुरक्षा से वंचित रखा जाएगा।
पहले, ये अधिकारी केंद्र सरकार के अंतर्गत आते थे और उन्हें पीएफ, पेंशन, और अन्य सरकारी सुविधाओं का लाभ मिलता था। इन सुविधाओं के चलते इन पर नैतिक और कानूनी दबाव भी बना रहता था कि वे अपने कर्तव्यों का पालन सही तरीके से करें। मगर अब यह तस्वीर बदलने वाली है। इन नए अधिकारियों की नियुक्ति प्रक्रिया ऐसी होगी कि ये उद्योगपतियों और पूंजीपतियों के चहेते बनकर उनके हितों को साधने का कार्य करेंगे।
इस संदर्भ में SEBI प्रमुख माधवी बुच का उदाहरण दिया जा रहा है, जिन पर आरोप है कि उन्होंने पूंजीपतियों के हित में नीतियां बनाई। अब इन 45 अधिकारियों की नियुक्ति भी इसी तर्ज पर होने जा रही है, जहां वे देश की संपत्तियों को अदानी जैसे उद्योगपतियों के हवाले करने में मदद करेंगे। और सबसे चिंताजनक बात यह है कि इनके कार्यकाल के दौरान या उसके बाद भी इनके ऊपर कोई जांच या जिम्मेदारी तय नहीं की जा सकेगी।
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— 𝙈𝙪𝙧𝙩𝙞 𝙉𝙖𝙞𝙣 (@Murti_Nain) August 20, 2024
मोदी का बाबा साहेब के संविधान पर एक और हमला,
मोदी सरकार लेटरल एंट्री से 45 टॉप लेवल के अधिकारी नियुक्त करने जा रही है, जो भारत सरकार के मंत्रालयों में काम करेंगे,
ये अधिकारी अग्निवीर योजना की तर्ज पर 5-7 साल के लिए नियुक्त किये जायेंगे,
पहले ये अधिकारी… pic.twitter.com/TCCG4SgNaS
इस नई नियुक्ति प्रक्रिया के खिलाफ़ एक और बड़ा सवाल उठ रहा है - आरक्षण की अनदेखी। इस 'लेटरल एंट्री' प्रक्रिया में आरक्षण लागू नहीं होगा, जिससे SC/ST/OBC दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के हक मारे जाएंगे। अगर इन 45 पदों पर मौजूदा कानून के अनुसार भर्ती होती, तो SC को 6 पद, ST को 3 पद और OBC को 12 पद मिलते। लेकिन अब यह आरक्षण न मिलने से सामाजिक न्याय के सिद्धांतों पर एक और प्रहार होगा।
क्या यह मोदी सरकार द्वारा बाबा साहेब के संविधान पर एक और हमला है? क्या यह प्रक्रिया देश की संपत्तियों को कुछ गिने-चुने उद्योगपतियों के हाथों में सौंपने की तैयारी है? ये सवाल आज हर भारतीय के सामने हैं और इनका जवाब आने वाला समय ही देगा।
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