ढाका: बांग्लादेश के एक प्रमुख मस्जिद से सांप्रदायिक सद्भाव की अपील करने वाला एक असामान्य ऐलान सामने आया है। 'स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन' द्वारा मस्जिद में जारी इस ऐलान में, नागरिकों से देश में मौजूदा अशांति के बीच साम्प्रदायिक सद्भाव बनाए रखने की अपील की गई है।
ऐलान में कहा गया है, "प्रिय नागरिकों, हम 'स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन' आपसे अपील करते हैं कि देश में अशांति के इस दौर में हम सभी को सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखना है। हमें हिंदू अल्पसंख्यकों की रक्षा करनी है। उपद्रवियों से उनके जान-माल की रक्षा करें। यह आपकी जिम्मेदारी है, हमारी जिम्मेदारी है, सबकी जिम्मेदारी है।"
इस ऐलान ने स्थानीय समुदाय में एक नई ऊर्जा भर दी है और सांप्रदायिक सौहार्द के प्रति जागरूकता बढ़ाई है। बांग्लादेश में हाल ही में धार्मिक तनाव और हिंसा की घटनाओं की वजह से कई अल्पसंख्यक समुदायों के लिए सुरक्षा की चिंता बढ़ गई है। ऐसे में, मस्जिद से की गई इस अपील ने महत्वपूर्ण संदेश दिया है कि सांप्रदायिक एकता और सभी समुदायों की सुरक्षा हर नागरिक की जिम्मेदारी है।
(बांग्लादेश में मस्जिद से हो रहा ऐलान)
— Saurabh (@sauravyadav1133) August 6, 2024
"प्रिय नागरिकों,
हम 'स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन' आपसे अपील करते हैं कि देश में अशांति के इस दौर में हम सभी को सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखना है...हमें हिंदू अल्पसंख्यकों की रक्षा करनी है उपद्रवियों से उनके जान-माल की रक्षा करें। ये आपकी… pic.twitter.com/QvOXOcNSRs
'स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन' एक संगठन है जो शिक्षा और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में सक्रिय है। संगठन के प्रवक्ता ने बताया कि ऐलान का उद्देश्य यह है कि सभी समुदाय एक साथ मिलकर हिंसा और भेदभाव के खिलाफ खड़े हों और एक दूसरे की सुरक्षा की गारंटी दें।
स्थानीय धार्मिक और सामाजिक नेताओं ने इस ऐलान की सराहना की है और इसे बांग्लादेश में सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के प्रयासों का महत्वपूर्ण हिस्सा माना है। कई लोगों का मानना है कि ऐसे प्रयासों से देश में समाजिक एकता को मजबूत किया जा सकता है और धार्मिक उन्माद को रोका जा सकता है।
हालांकि, कुछ आलोचकों का कहना है कि ऐसी अपीलें केवल अस्थायी समाधान प्रदान कर सकती हैं और दीर्घकालिक शांति के लिए ठोस और व्यापक नीतिगत उपायों की आवश्यकता है। इसके बावजूद, मस्जिद से की गई इस अपील ने बांग्लादेश में सांप्रदायिक सद्भाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है और सभी नागरिकों को एकजुट होने का संदेश दिया है।