### अंजू पांडे का दर्दनाक खुलासा: दहेज के लिए की गई अमानवीय प्रताड़ना
दहेज के लिए अत्याचार की एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें अंजू पांडे ने खुलासा किया है कि उसके पति और ससुराल वालों ने उसे क्रूरतम तरीके से प्रताड़ित किया। अंजू की कहानी ने समाज को दहेज प्रथा के भयावह परिणामों पर गंभीर सोचने पर मजबूर कर दिया है।
अंजू पांडे ने 20 फरवरी 2018 को संजय पांडे से लव मैरिज की थी, लेकिन उसकी शादी के बाद उसका जीवन एक दुःस्वप्न में बदल गया। अंजू का कहना है कि उसके पति संजय पांडे के अलावा ससुर कृपु पांडेय, सास ऊषा, और ननद-ननदोई ने मिलकर उसे दहेज के लिए भयानक तरीके से प्रताड़ित किया।
बिना कपड़े के उल्टा लटका कर मारते थे... गर्म तेल पिलाते थे... बाल काट दिए...गर्म चाकू से होंठ जला दिए.....पूरे शरीर पर लोहे के रॉड से दाग दिया..
— Kavish Aziz (@azizkavish) August 11, 2024
यह दर्द है अंजू पांडे का जिसने 20 फरवरी 2018 को संजय पांडे से लव मैरिज किया था।
दहेज के लिए अंजू को पति के साथ-साथ ससुराल के सभी… pic.twitter.com/5gfnnGeglx
अंजू ने बताया कि उसे बिना कपड़े के उल्टा लटका कर गर्म चाकू से होंठ जलाया गया। प्रताड़ना यहीं खत्म नहीं हुई, उसे बाल भी काटे गए और पूरे शरीर पर लोहे के रॉड से दाग दिया गया। उसकी दर्दनाक कहानी में यह भी खुलासा हुआ कि उसके साथ गर्म तेल पिलाया गया और उसे हर बार घर से भागने की कोशिश के बावजूद पकड़ कर पीटा गया।
अंजू की स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि उसने कई बार आत्महत्या की कोशिश भी की, लेकिन हर बार उसे ससुराल वालों द्वारा पकड़ लिया गया और और भी क्रूरता का सामना करना पड़ा। उसकी शिकायतों को भी नजरअंदाज कर दिया गया, जिससे उसे न्याय प्राप्त करने में कठिनाई हुई।
अंजू का कहना है कि उसने कई बार स्थानीय पुलिस से मदद की गुहार लगाई, लेकिन ससुराल वालों की पहुंच और प्रभाव के कारण उसकी शिकायतें अधूरी रह गईं। इस पूरी स्थिति के बीच अंजू की मानसिक और शारीरिक स्थिति गंभीर रूप से प्रभावित हुई है।
इस घटना ने दहेज प्रथा के खिलाफ कानूनी और सामाजिक जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को उजागर किया है। अंजू की दर्दनाक कहानी समाज को यह सोचने पर मजबूर करती है कि दहेज के लिए की जा रही अमानवीय प्रताड़ना को रोकने के लिए हमें और अधिक प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है।
अंजू की इस त्रासदी के खिलाफ आवाज उठाने और उसे न्याय दिलाने के लिए संगठनों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं से मांग की जा रही है कि वे इस मामले की गंभीरता को समझें और तत्काल कार्यवाही करें।