नई दिल्ली: हाल ही में, सोशल मीडिया पर एक विवादित ट्वीट ने ध्यान आकर्षित किया है। बांग्लादेश की एक तस्वीर को साझा करते हुए द मुस्लिम नाम के एक व्यक्ति ने लिखा, “सब ताज उछाले जाएंगे, सब तख्त गिराए जाएंगे, बस नाम रहेगा अल्लाह का।” इस ट्वीट ने न केवल सोशल मीडिया पर हलचल मचाई है, बल्कि विभिन्न धार्मिक और सामाजिक विचारों को लेकर भी बहस छेड़ दी है।
द मुस्लिम के इस ट्वीट के बाद, प्रोफ़ेसर दिलीप मंडल ने अपने विचार साझा करते हुए कहा, “कम्युनिस्ट फ़ैज़ अहमद ने ये ग़लत बात लिखी है। नहीं लिखनी चाहिए। यही मानसिकता ख़तरनाक है। सिर्फ अल्लाह का नाम क्यों रहेगा? बाक़ी भी रहेंगे। सब रहेंगे। जो किसी को नहीं मानते वे भी रहेंगे। अपने भगवान को सबसे बड़ा मानना ठीक है। पर एक वही है और दूसरा कोई नहीं है, ये सोच ग़लत है।”
कम्युनिस्ट फ़ैज़ अहमद ने ये ग़लत बात लिखी है। नहीं लिखनी चाहिए।
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) August 7, 2024
यही मानसिकता ख़तरनाक है। सिर्फ अल्लाह का नाम क्यों रहेगा? बाक़ी भी रहेंगे। सब रहेंगे। जो किसी को नहीं मानते वे भी रहेंगे।
अपने भगवान को सबसे बड़ा मानना ठीक है। पर एक वही है और दूसरा कोई नहीं है, ये सोच ग़लत है। pic.twitter.com/tkY87ERnae
प्रोफ़ेसर मंडल ने इस ट्वीट पर असहमति जताते हुए यह भी कहा कि धार्मिक विचारों की विविधता को स्वीकार करना चाहिए और किसी भी एक धर्म को सर्वश्रेष्ठ मानना एक संकीर्ण दृष्टिकोण है। उनका कहना है कि सभी धर्मों और विचारधाराओं को समान सम्मान मिलना चाहिए और एक धर्म के नाम को सब पर थोपने की मानसिकता खतरनाक हो सकती है।
इस विवादित ट्वीट के बाद, सोशल मीडिया पर फ़ैज़ अहमद की इस सोच के प्रति मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ देखने को मिल रही हैं। कुछ लोग इसे धार्मिक कट्टरता के रूप में देख रहे हैं, जबकि अन्य इसे व्यक्तिगत विचार और धार्मिक पहचान का हिस्सा मान रहे हैं।
इस स्थिति में, यह स्पष्ट है कि धार्मिक और सांस्कृतिक संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए सार्वजनिक बयान देने की आवश्यकता है। प्रोफ़ेसर मंडल की टिप्पणी ने इस विवादित ट्वीट को और भी ज्यादा चर्चित कर दिया है और इस मुद्दे पर व्यापक बहस की शुरुआत कर दी है।
फ़ैज़ अहमद के ट्वीट पर इस तरह की प्रतिक्रियाएँ यह संकेत देती हैं कि धर्म और आस्था के मुद्दे पर संवेदनशीलता और समझदारी की ज़रूरत है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि सामाजिक मीडिया पर किसी भी बयान को समझदारी से पेश करने की जिम्मेदारी सभी की है।