बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार ने हाल ही में मुंबई की प्रसिद्ध हाजी अली दरगाह में डेढ़ करोड़ रुपये का दान दिया है। इस दान के लिए अभिनेता की तारीफ हो रही है और उनके इस कदम को समाज सेवा की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है। हाजी अली दरगाह के लिए दान देना अक्षय कुमार का एक व्यक्तिगत और धार्मिक निर्णय है, जो उनके सामाजिक और आध्यात्मिक विचारों को दर्शाता है।
हालांकि, इस दान के साथ-साथ अक्षय कुमार की चुप्पी पर भी सवाल उठ रहे हैं। बांग्लादेश में हाल ही में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा और मंदिरों की तोड़फोड़ की घटनाओं पर अक्षय कुमार की चुप्पी पर कई लोगों ने चिंता जताई है। वहां की स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, कई लोग यह मानते हैं कि प्रसिद्ध हस्तियों को इस पर अपनी राय व्यक्त करनी चाहिए और हिंदू समुदाय की समस्याओं के प्रति अपनी संवेदनशीलता दिखानी चाहिए।
अक्षय कुमार ने मुंबई की हाजी अली दरगाह में ड़ेढ़ करोड़ का दान दिया।
— Sagar Kumar “Sudarshan News” (@KumaarSaagar) August 8, 2024
अच्छी बात है,ये आपका निजी फ़ैसला है।
लेकिन बांग्लादेश में हिंदुओ को और हिंदुओ के मंदिरों को जलाया जा रहा है।
वहाँ के हिंदुओ के लिए दान नहीं दे सकते,कम से कम दो शब्द लिख ही देते।
खैर छोड़ो। pic.twitter.com/LSgkllJAGL
बांग्लादेश में हाल के दिनों में हिंदू समुदाय के प्रति अत्याचार की घटनाएं सामने आई हैं। मंदिरों को जलाया जा रहा है और हिंदू लोगों की जान-माल को खतरा उत्पन्न हो रहा है। ऐसे समय में, जब सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता की बात की जाती है, लोगों की उम्मीद होती है कि प्रमुख सार्वजनिक हस्तियां और नेता इस मुद्दे पर अपनी आवाज उठाएं।
अक्षय कुमार द्वारा हाजी अली दरगाह को किया गया दान एक सकारात्मक कदम है, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि समाज में हो रही अन्य समस्याओं और मानवाधिकार उल्लंघनों पर भी ध्यान दिया जाए। दान करना और समर्थन दिखाना एक बात है, लेकिन अगर कोई हस्ती बड़े सामाजिक मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त नहीं करती, तो यह उनकी समाजिक जिम्मेदारी की ओर सवाल खड़ा कर सकता है।
इस समय, सभी की उम्मीद है कि अक्षय कुमार और अन्य सार्वजनिक हस्तियां बांग्लादेश में हो रही हिंसा के खिलाफ अपनी आवाज उठाएंगी और पीड़ित हिंदू समुदाय के प्रति एकजुटता दिखाएंगी।