लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाल ही में भाजपा के एक विधायक द्वारा उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के खिलाफ दिए गए आपत्तिजनक बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। अखिलेश यादव ने इस बयान को न सिर्फ मायावती के सम्मान के खिलाफ बताया, बल्कि इसे लोकतांत्रिक मूल्यों का भी अपमान बताया है। उन्होंने इस बयान के लिए संबंधित भाजपा विधायक के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।
अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश की एक भूतपूर्व महिला मुख्यमंत्री के प्रति इस तरह के अभद्र शब्द दर्शाते हैं कि भाजपा के नेताओं के मन में महिलाओं और खासतौर से वंचित-शोषित समाज से आने वाले लोगों के प्रति कितनी कटुता भरी हुई है। उन्होंने इस बयान को भाजपा के अंदर व्याप्त महिला विरोधी मानसिकता का प्रतीक बताया और कहा कि राजनीति में मतभेद होना स्वाभाविक है, लेकिन किसी महिला के रूप में उनके मान-सम्मान को खंडित करने का किसी को भी अधिकार नहीं है।
उप्र के एक भाजपा विधायक द्वारा उप्र की एक भूतपूर्व महिला मुख्यमंत्री जी के प्रति कहे गये अभद्र शब्द दर्शाते हैं कि भाजपाइयों के मन में महिलाओं और खासतौर से वंचित-शोषित समाज से आनेवालों के प्रति कितनी कटुता भरी है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 23, 2024
राजनीति मतभेद अपनी जगह होते हैं लेकिन एक महिला के रूप में उनका… pic.twitter.com/QwQtWiB1ab
अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि भाजपा विधायक का यह कहना कि मायावती को मुख्यमंत्री बनाकर गलती की गई थी, अपने आप में जनमत का अपमान है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि मायावती पर बिना किसी आधार के भ्रष्टाचार के आरोप लगाना बेहद आपत्तिजनक है और इसके लिए भाजपा विधायक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। अखिलेश ने कहा कि इस तरह के बयान लोकतंत्र के मूल्यों को कमजोर करते हैं और भाजपा को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
अखिलेश यादव ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह इस तरह के विधायकों को प्रश्रय देकर महिलाओं के मान-सम्मान को गहरी ठेस पहुंचा रही है। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा ऐसे विधायकों के खिलाफ तुरंत अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं करती है, तो यह माना जाएगा कि यह किसी एक विधायक का व्यक्तिगत विचार नहीं, बल्कि पूरी भाजपा की सोच है। अखिलेश ने भाजपा को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि पार्टी इस मामले में चुप्पी साधे रहती है, तो इसका मतलब यही होगा कि पूरी भाजपा की यही सोंच है।
अखिलेश यादव ने इस बयान को घोर निंदनीय करार देते हुए कहा कि भाजपा को अपनी पार्टी के नेताओं के ऐसे असंवेदनशील बयानों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि समाज में महिलाओं और वंचित वर्गों का सम्मान सुरक्षित रहे।