नई दिल्ली: भारत में 2024 के आम चुनावों की प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाते हुए, वरिष्ठ एडवोकेट महमूद प्राचा और प्रसिद्ध पत्रकार प्रेमा श्रीदेवी ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने दावा किया है कि उनके द्वारा प्राप्त सीसीटीवी फुटेज में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) मशीनों के संचालन और परिवहन के दौरान गंभीर लापरवाही और सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन दिखाया गया है।
इस खुलासे ने देशभर में हड़कंप मचा दिया है और चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।
VVPAT का दुरुपयोग और EVM की सुरक्षा पर गंभीर सवाल
प्राचा और श्रीदेवी द्वारा प्राप्त फुटेज में VVPAT मशीनों को कुर्सी के रूप में उपयोग करते हुए देखा गया है। यह एक बेहद चिंताजनक मामला है, क्योंकि ये मशीनें चुनावी प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और इनके साथ इस प्रकार की लापरवाही न केवल प्रोटोकॉल का उल्लंघन है बल्कि चुनावी प्रणाली की निष्पक्षता पर भी सवाल खड़ा करती है।
BIG BREAKING & SHOCKING NEWS 📢
— 𝙈𝙪𝙧𝙩𝙞 𝙉𝙖𝙞𝙣 (@Murti_Nain) August 17, 2024
एडवोकेट @MehmoodPracha जी और पत्रकार @premasridevi जी ने
आम चुनाव 2024 में #EVM पर विस्फोटक सीसीटीवी फुटेज से परेशान करने वाली सच्चाई सामने लाए
फुटेज में #EVM और #VVPAT मशीनों के संचालन और परिवहन के मामले में लापरवाही और #प्रोटोकॉल_उल्लंघन का… pic.twitter.com/sX1KnT8XRX
इसके अलावा, फुटेज में EVMs को खुले में पेड़ के नीचे छोड़ते हुए देखा गया है। इन संवेदनशील उपकरणों की सुरक्षा के लिए चुनाव आयोग ने कड़े प्रोटोकॉल बनाए हैं, जिनका पालन न करना गंभीर चिंताओं को जन्म देता है।
परिवहन में लापरवाही
फुटेज में एक और गंभीर मामला तब सामने आया जब EVMs और VVPAT मशीनों को खुले ट्रक में ले जाया जाता दिखा। यह ट्रक पूरी तरह से खुला था, जिसमें छत नहीं थी और केवल फटी हुई चादरों से ढका हुआ था। चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार, इन मशीनों को उचित लॉकिंग तंत्र के साथ सीलबंद ट्रकों में ले जाना चाहिए।
इतना ही नहीं, फुटेज में देखा गया कि सिम्बल लोडिंग यूनिट (SLU) को बिना किसी सील के भेजा जा रहा है। यह बेहद चिंताजनक है, क्योंकि बिना सील के SLU में हेराफेरी की संभावना बढ़ जाती है, जिससे चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा होता है।
रामपुर से शुरू हुआ खुलासा, आगे की जांच की मांग
उत्तर प्रदेश के रामपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने वाले महमूद प्राचा को यह फुटेज मिला है। उन्होंने 19 अप्रैल को हुए चुनाव के बाद जिला चुनाव अधिकारी से चुनावी प्रक्रिया से जुड़ी व्यापक वीडियोग्राफी और सीसीटीवी फुटेज मांगी थी। उनकी इस मांग के बाद से ही यह फुटेज सामने आया है।
प्राचा और श्रीदेवी ने चुनाव आयोग से इस मामले की विस्तृत जांच की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया, जिससे चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
क्या चुनाव आयोग अब भी यह दावा करेगा कि चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी रूप से करवाए गए हैं? इस सवाल का जवाब देना अब चुनाव आयोग के लिए जरूरी हो गया है।
इस खुलासे के बाद देशभर में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है, और आने वाले दिनों में यह मुद्दा चुनावी चर्चा का केंद्र बन सकता है।