नई दिल्ली: निर्भया कांड ने 2012 में देश को हिला कर रख दिया था। 23 वर्षीय युवती के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्या के बाद, सरकार ने आपराधिक न्याय प्रणाली में व्यापक बदलाव किए और दंड को कठोर बनाने की दिशा में कई कदम उठाए। लेकिन आज की स्थिति देखकर यह साफ है कि इन परिवर्तनों का अपेक्षित प्रभाव नहीं पड़ा है। महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, और भाजपा के महिलाओं के प्रति किए गए दावे महज नारे साबित हो रहे हैं।
हाल ही में बंगाल के एक अस्पताल में एक डॉक्टर का बलात्कार हो गया। यह घटना अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। वहीं, बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर जिले में एक 12-13 साल की बच्ची के साथ गैंगरेप की घटना हुई, जिसमें अपराधियों ने निर्दयता की सारी हदें पार कर दीं। बच्ची के गुप्तांगों पर 50 से अधिक चाकू से हमले के निशान पाए गए हैं। यह घटना न केवल क्रूरता का उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि अपराधियों के बीच कोई डर नहीं बचा है।
#निर्भया_कांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था सरकार ने 2012 में 23 वर्षीय युवती के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्या के बाद दंड को कठोर बनाने सहित आपराधिक न्याय प्रणाली में व्यापक परिवर्तन किए। लेकिन आज के हालात देखकर लग रहा है कि कुछ भी नहीं बदला…
— 𝙈𝙪𝙧𝙩𝙞 𝙉𝙖𝙞𝙣 (@Murti_Nain) August 16, 2024
महिलाओं के खिलाफ अपराधों की… pic.twitter.com/XBJxHh1v9B
पीलीभीत में एक युवक ने एक तरफा मोहब्बत के चलते एक लड़की पर तेजाब फेंक दिया, जबकि नोएडा के व्यस्त इलाकों में लड़कियों के साथ सार्वजनिक छेड़छाड़ की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। हाथरस में बलात्कार पीड़िता के शव को आनन-फानन में मिट्टी के तेल से जलाकर अंतिम संस्कार कर दिया गया, जिससे न्याय की उम्मीदें और भी कम हो गई हैं।
इसके अलावा, प्रज्ज्वल रेवन्ना जैसे लोग हजारों लड़कियों की इज़्ज़त के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, और ऐसा लगता है कि इन अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का अभाव है। महिला सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम, जैसे "बेटी बचाओ" और "महिलाओं के सम्मान में भाजपा मैदान में" जैसे नारों, अब अपने आप में ही एक चेतावनी बन गए हैं।
सरकार के दावे और नारे अब समाज के लिए सिर्फ शब्दों की तरह रह गए हैं, जबकि वास्तविकता में महिलाओं की सुरक्षा की स्थिति दयनीय है। यह समय है कि सरकार और समाज मिलकर ठोस कदम उठाएं, ताकि महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों को रोका जा सके और उन्हें न्याय मिल सके। #महिला_सुरक्षा