मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के एक सरकारी प्राइमरी स्कूल में हेडमास्टर इकबाल पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। आरोप है कि उन्होंने स्कूल के दो हिंदू छात्रों को बाजार से नॉनवेज मंगाकर ऑफर किया और एक छात्र को मजबूरन नॉनवेज खिलाया। इस घटना ने न केवल स्थानीय समुदाय को बल्कि शिक्षा विभाग को भी हिला कर रख दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, हेडमास्टर इकबाल ने स्कूल के दो हिंदू छात्रों से नॉनवेज खाने के लिए कहा। एक छात्र ने इस प्रस्ताव को नकार दिया, लेकिन दूसरा, जो दिव्यांग था, उसे नॉनवेज खिलाया गया। इस घटना के बाद छात्रों के माता-पिता ने शिकायत दर्ज कराई और यह मामला मीडिया में उछल गया।
#मेरठ के सरकारी प्राइमरी स्कूल के 2 हिंदू छात्रों को हेडमास्टर ने बाजार से नॉनवेज मंगाकर ऑफर किया. एक ने मना किया, दूसरे दिव्यांग छात्र को नॉनवेज खिला दिया गया
— Narendra Pratap (@hindipatrakar) August 12, 2024
बेसिक शिक्षा के अधिकारी-"हेडमास्टर ने ऐसा बच्चों का धर्मभ्रष्ट करने के लिए किया"
हेडमास्टर इकबाल हिरासत में है pic.twitter.com/DWiBTqirwx
बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इस मामले पर तत्काल कार्रवाई करते हुए कहा कि हेडमास्टर का यह कदम बच्चों के धर्म और उनके विश्वासों के खिलाफ था। विभाग के एक अधिकारी ने कहा, “हेडमास्टर ने जानबूझकर ऐसा किया ताकि बच्चों के धर्म को प्रभावित किया जा सके। यह न केवल अनैतिक है बल्कि धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों का भी उल्लंघन है।”
घटना की सूचना मिलने के बाद हेडमास्टर इकबाल को हिरासत में ले लिया गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और इसके लिए आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा विभाग ने भी स्कूल के अन्य शिक्षकों और कर्मचारियों से इस मामले में जानकारी मांगी है और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
इस घटना के बाद समाज में एक नई बहस छिड़ गई है, जिसमें धार्मिक संवेदनशीलता और स्कूलों में धर्मनिरपेक्षता के मुद्दे उठाए जा रहे हैं। इस मामले ने शिक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता को भी उजागर किया है, जहां छात्रों की धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए।
कुल मिलाकर, मेरठ में इस घटना ने न केवल हेडमास्टर के खिलाफ कार्रवाई की आवश्यकता को स्पष्ट किया है, बल्कि एक व्यापक सामाजिक और धार्मिक मुद्दे को भी उजागर किया है।