नई दिल्ली, 26 अगस्त 2024 – हाल के वर्षों में बच्चों के पोषण के प्रति जागरूकता बढ़ी है, लेकिन इसके बावजूद कई माता-पिता अपने छोटे बच्चों को डिब्बे वाला दूध पिलाना उचित समझते हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि डिब्बे वाला दूध बच्चों के स्वास्थ्य के लिए कई गंभीर जोखिम पैदा कर सकता है। यहां हम छोटे बच्चों को डिब्बे वाला दूध पिलाने के 10 प्रमुख नुकसान बता रहे हैं।
1. पोषक तत्वों की कमी: डिब्बे वाला दूध सामान्यतः मां के दूध की तुलना में पोषण में कमी रखता है। इसमें कुछ जरूरी पोषक तत्व जैसे विटामिन्स और एंटीबॉडीज़ की मात्रा कम होती है, जो बच्चे की इम्यूनिटी के विकास के लिए आवश्यक हैं।
2. पाचन समस्याएं: डिब्बे वाला दूध बच्चों के लिए पचाने में कठिन हो सकता है, जिससे कब्ज, गैस और डायरिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
3. मोटापे का खतरा: डिब्बे वाले दूध में शुगर और कैलोरी की मात्रा अधिक होती है, जो छोटे बच्चों में मोटापे का कारण बन सकती है। यह भविष्य में मधुमेह और हृदय रोगों का खतरा बढ़ा सकता है।
4. संक्रमण का खतरा: यदि दूध की बोतल या अन्य उपकरण ठीक से साफ नहीं किए जाते हैं, तो इससे बच्चे को संक्रमण का खतरा हो सकता है। बोतल फीडिंग के दौरान बच्चे में बैक्टीरियल या वायरल इंफेक्शन का रिस्क ज्यादा होता है।
5. एंटीबॉडीज की कमी: मां के दूध में प्राकृतिक एंटीबॉडीज होते हैं जो बच्चे को रोगों से बचाते हैं। डिब्बे वाला दूध इस सुरक्षा को नहीं दे पाता, जिससे बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो सकती है।
6. एलर्जी का खतरा: डिब्बे वाला दूध गाय के दूध से तैयार होता है, जिससे कई बच्चों को एलर्जी हो सकती है। यह एलर्जी त्वचा पर रैशेस, खुजली, और सांस की समस्याओं का कारण बन सकती है।
7. आर्थिक बोझ: डिब्बे वाला दूध खरीदने में समय के साथ माता-पिता को आर्थिक रूप से अधिक खर्च उठाना पड़ सकता है। इसके साथ ही, दूध की बोतलें, निपल्स, और अन्य सहायक उपकरण भी महंगे होते हैं।
8. संबंध निर्माण में बाधा: मां का दूध पिलाने से मां और बच्चे के बीच एक विशेष संबंध बनता है। डिब्बे वाला दूध इस प्रक्रिया को बाधित कर सकता है और बच्चे के मानसिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
9. हाइड्रेशन की कमी: मां के दूध की तुलना में डिब्बे वाला दूध बच्चे के शरीर को सही मात्रा में हाइड्रेट नहीं कर पाता। इससे डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है।
10. लंबे समय तक दुष्प्रभाव: शोध से पता चला है कि जो बच्चे अपने शुरुआती जीवन में डिब्बे वाला दूध पीते हैं, उनमें भविष्य में मोटापा, मधुमेह, और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।
डॉक्टर और स्वास्थ्य विशेषज्ञ हमेशा सलाह देते हैं कि मां का दूध बच्चे के लिए सबसे अच्छा पोषण है और इसके विकल्प का उपयोग केवल तभी किया जाना चाहिए जब कोई चिकित्सीय कारण हो। माता-पिता को इस बारे में पूरी जानकारी और सावधानी के साथ निर्णय लेना चाहिए ताकि उनके बच्चे का विकास स्वस्थ और सुरक्षित हो सके।