भारत के केरल राज्य में स्थित कोडिन्ही नामक एक छोटे से गांव को ‘जुड़वां बच्चों का गांव’ कहा जाता है। इस गांव का यह अद्भुत और रहस्यमय तथ्य है कि यहां जुड़वां बच्चों का जन्म असामान्य रूप से अधिक संख्या में होता है।
कोडिन्ही गांव में, प्रत्येक परिवार में कम से कम एक जोड़ी जुड़वां बच्चों का होना आम बात है। इतना ही नहीं, जो भी व्यक्ति इस गांव को छोड़कर किसी दूसरी जगह बस जाता है और वहां बच्चे पैदा करता है, उसे भी जुड़वां बच्चे ही होते हैं। इस रहस्य ने न केवल वैज्ञानिकों को हैरान कर रखा है, बल्कि आम लोगों के बीच भी बड़ी उत्सुकता पैदा कर दी है।
गांव के आंकड़ों के अनुसार, फिलहाल यहां लगभग 200 जोड़े जुड़वां बच्चे मौजूद हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह आंकड़ा विश्व के किसी भी अन्य स्थान की तुलना में कहीं अधिक है।
वैज्ञानिकों ने इस रहस्य को सुलझाने के लिए कई शोध किए हैं, लेकिन अभी तक किसी ठोस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सके हैं। कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि यह किसी विशेष जीन या पर्यावरणीय कारकों के कारण हो सकता है, जबकि कुछ इसे गांव के खान-पान और जीवनशैली से जोड़कर देखते हैं।
कोडिन्ही गांव के निवासी इस अनूठे तथ्य को गर्व के साथ अपनाते हैं और इसे अपने गांव की विशेष पहचान मानते हैं। यहां के लोग इस अद्भुत परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए उत्साहित हैं और अपने गांव के इस रहस्य को और गहराई से समझने के प्रयास में लगे रहते हैं।
यह रहस्यमय गांव न केवल वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के लिए एक अध्ययन का विषय बन गया है, बल्कि दुनिया भर के पर्यटकों के लिए भी एक आकर्षण का केंद्र है। जुड़वां बच्चों के जन्म की इस अद्वितीय परंपरा ने कोडिन्ही गांव को एक अलग ही पहचान दिलाई है, जो वर्षों तक लोगों की जिज्ञासा और आकर्षण का केंद्र बना रहेगा।