बदायूं, उत्तर प्रदेश - जिले के एक सरकारी स्कूल में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां प्रधानाध्यापक ने गुटखा खाने की अपनी लत पूरी करने के लिए स्कूल की नई किताबें रसोइया से बिकवा दीं। यह घटना बदायूं के एक छोटे से गांव के प्राथमिक विद्यालय की है, जहां बच्चों के लिए आई नई किताबें प्रधानाध्यापक द्वारा गुटखा खरीदने के लिए बेच दी गईं।
बदायूं में बच्चों के भविष्य से किया जा रहा खिलवाड़
— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) July 9, 2024
➡प्रधानाध्यापक ने रसोइया से बिकवा दी नई किताबें
➡गुटखा खाने के लिए रसोइया से बिकवा दी नई किताबें
➡पकौड़ी बेचने वाले को नये सत्र की किताबें बेच दी
➡29.900 ग्राम किताबें 15 रुपये किलो के हिसाब से बेची
➡किताबें बेचने का… pic.twitter.com/H7GDYg7ReC
घटना की जानकारी तब सामने आई जब बच्चों के अभिभावकों ने शिकायत की कि उनके बच्चों को नई किताबें नहीं मिल रही हैं। अभिभावकों ने बताया कि बच्चों को पिछले साल की पुरानी और फटी-पुरानी किताबें दी जा रही हैं, जबकि सरकार ने नई किताबों का प्रावधान किया था।
जांच के दौरान पता चला कि प्रधानाध्यापक ने रसोइया को निर्देश दिया था कि वह नई किताबें स्थानीय बाजार में बेच दे और उस पैसे से गुटखा खरीद कर लाए। रसोइया ने प्रधानाध्यापक के आदेश का पालन करते हुए किताबें बेच दीं और गुटखा खरीद कर प्रधानाध्यापक को सौंप दिया।
इस घटना से स्थानीय समुदाय में आक्रोश फैल गया है और लोगों ने इस कृत्य की कड़ी निंदा की है। स्कूल प्रबंधन और शिक्षा विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रधानाध्यापक के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया, "यह एक गंभीर मामला है और हम इसे हल्के में नहीं लेंगे। प्रधानाध्यापक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।"
इस घटना ने शिक्षा प्रणाली में हो रही धांधली को उजागर कर दिया है और सरकार से मांग की जा रही है कि ऐसे मामलों की रोकथाम के लिए कड़े कदम उठाए जाएं।
बच्चों के अभिभावक भी इस घटना से बहुत आहत हैं और उन्होंने प्रधानाध्यापक की बर्खास्तगी की मांग की है। वे चाहते हैं कि बच्चों को जल्द से जल्द नई किताबें मिलें ताकि उनकी पढ़ाई में किसी भी प्रकार की बाधा न आए।