सिद्धार्थनगर, 18 जुलाई 2024 - उत्तर प्रदेश के जनपद सिद्धार्थनगर के एक मंदिर में 15 जुलाई को गणेशजी की मूर्ति तोड़ दी गई थी। इस घटना के बाद मंदिर के पुजारी क्रिचराम ने दो मुस्लिम लड़कों, मन्ना और सोनू, पर मूर्ति तोड़ने का आरोप लगाया था।
पुजारी क्रिचराम के अनुसार, मन्ना और सोनू ने उन्हें धमकी दी थी कि यदि मंदिर में पूजा-कीर्तन जारी रखा गया, तो वे मूर्ति तोड़ देंगे। इस आरोप के बाद पुलिस ने दोनों लड़कों को हिरासत में लिया और उनसे पूछताछ शुरू की।
उत्तर प्रदेश : जनपद सिद्धार्थनगर के मंदिर में 15 जुलाई को गणेशजी की मूर्ति तोड़ दी गई। पुजारी क्रिचराम ने 2 मुस्लिम लड़कों मन्ना और सोनू पर आरोप लगाया।
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) July 18, 2024
पुजारी के अनुसार- दोनों लड़कों ने यहां पूजा-कीर्तन नहीं होने की धमकी दी थी।
पुलिस पूछताछ में पुजारी ने खुद मूर्ति तोड़ने की… pic.twitter.com/FqtUI4ypnO
हालांकि, पुलिस पूछताछ के दौरान मामले में एक नया मोड़ आया जब पुजारी क्रिचराम ने खुद कबूल किया कि उसने ही गणेशजी की प्रतिमा तोड़ी थी। उसका उद्देश्य दोनों मुस्लिम लड़कों को फंसाना था।
पुजारी के इस कबूलनामे के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है और मन्ना और सोनू को रिहा कर दिया है। इस घटना ने स्थानीय समुदाय में आक्रोश और चिंता का माहौल बना दिया है।
पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह ने मीडिया को बताया, "हमने पुजारी क्रिचराम के खिलाफ उचित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। इस घटना से हमें यह सिखने को मिलता है कि किसी भी मामले की जांच निष्पक्षता से की जानी चाहिए और किसी भी धर्म या समुदाय को निशाना नहीं बनाना चाहिए।"
इस घटना ने समाज में आपसी विश्वास और सद्भाव की आवश्यकता को फिर से उजागर किया है। प्रशासन और पुलिस द्वारा त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई से यह सुनिश्चित किया जा सका कि दोषी को सजा मिले और निर्दोषों को न्याय मिले।