वाशिंगटन डीसी, 24 जुलाई 2024 – इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी संसद में एक गंभीर और स्पष्ट चेतावनी दी है, जिसमें उन्होंने हमास और हिजबुल्लाह के खिलाफ इज़राइल के ठान की गई कार्रवाई का प्रदर्शन किया। नेतन्याहू ने 7 अक्टूबर को हुए हमले को "9/11 के हमले से भी अधिक भयावह" करार दिया और इस दौरान की गई वीभत्सता की घटनाओं को साझा किया।
नेतन्याहू ने अपने भाषण में कहा, "हमारे देश में महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया, पुरुषों के सिर काटे गए और बच्चों को जिंदा जलाया गया। यह अत्याचार हमारी सहनशीलता की सीमा को पार कर गया है। हम हमास और हिजबुल्लाह को कुचल कर रख देंगे।" उन्होंने यह भी कहा कि इस हमले ने इज़राइल की सुरक्षा को एक नई चुनौती दी है, जिसे हल्के में नहीं लिया जा सकता।
प्रधानमंत्री ने इस हमले की तुलना 11 सितंबर 2001 को अमेरिका में हुए आतंकवादी हमले से की, जो खुद में एक ऐतिहासिक और दर्दनाक घटना थी। नेतन्याहू ने कहा, "7 अक्टूबर की यह हिंसा इतनी वीभत्स और क्रूर थी कि यह 9/11 के हमले से भी अधिक भयावह प्रतीत होती है। हमारे सैकड़ों नागरिकों को हमास ने पकड़कर ले गया और उन्हें कैदखानों में बंद कर दिया। यह अत्याचार केवल युद्ध नहीं बल्कि मानवता के खिलाफ भी है।"
महिलाओं का रेप किया
— Panchjanya (@epanchjanya) July 25, 2024
पुरुषों के सिर काट दिए
बच्चों को जिंदा जलाया
हम हमास और हिजबुल्लाह को कुचल कर रख देंगे।
7 अक्टूबर के हमला 9/11 के हमले से भी ज़्यादा भयावह था।
हमारे सैकड़ों को लोगों को हमास घसीटकर ले गया और कैदखानों में बंद कर दिया।
ईरान एक हत्यारा देश है और हम उसके खिलाफ… pic.twitter.com/t92P9FKiVZ
नेतन्याहू ने अपने भाषण में ईरान को भी निशाने पर लिया। उन्होंने ईरान को एक "हत्यारा देश" बताते हुए कहा, "ईरान की इस हिंसात्मक और आतंकवादी गतिविधियों को हम स्वीकार नहीं कर सकते। ईरान ने न केवल इज़राइल बल्कि पूरे विश्व को खतरे में डालने की कोशिश की है। हम ईरान के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ेंगे और इसकी हरकतों का करारा जवाब देंगे।"
इस बयान के साथ, नेतन्याहू ने स्पष्ट किया कि इज़राइल की सैन्य और सुरक्षा क्षमताओं को सही दिशा में मोड़ा जाएगा, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके। उन्होंने अमेरिका और अन्य अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से भी अपील की कि वे इज़राइल के साथ एकजुटता दिखाएं और आतंकवाद के खिलाफ एक साथ खड़े हों।
नेतन्याहू का यह भाषण अमेरिकी संसद में एक मजबूत संदेश देने के उद्देश्य से था, ताकि वैश्विक स्तर पर इस संकट के प्रति जागरूकता बढ़ सके और आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक प्रयास किए जा सकें। इस समय, इज़राइल और उसके सहयोगी देशों की सुरक्षा नीतियों को लेकर गंभीर विचार-विमर्श और योजनाओं की आवश्यकता है, ताकि ऐसे काले दिन दोबारा न आएं।