गाज़ियाबाद: उत्तर प्रदेश की गाज़ियाबाद पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई में नकली IAS ऑफिसर कोमल तनेजा और उसके तीन सहयोगियों को गिरफ्तार किया है। यह गैंग खुद को सरकारी अधिकारियों के रूप में प्रस्तुत करता था और रात के समय कैफे, रेस्टोरेंट्स, और बार पर छापा मारकर व्यवसायियों से डरा-धमकाकर पैसा वसूलता था।
कोमल तनेजा ने अपने आप को गृह मंत्रालय में एडिशनल डायरेक्टर के रूप में पेश किया था। उसने और उसके साथियों ने इस धोखाधड़ी के खेल में माहिर होने के कारण कई व्यवसायियों को अपने जाल में फंसाया। तनेजा और उसके साथी अमित शर्मा, अमित कुमार और तिजारिफ, ने अपने पीड़ितों को यह विश्वास दिलाया कि वे वास्तविक सरकारी अधिकारी हैं और उनके व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर छापा मारकर कानून के उल्लंघन के आरोप लगा सकते हैं।
ये है नकली IAS ऑफिसर कोमल तनेजा, इसके चेले अमित शर्मा, अमित कुमार और तिजारिफ। कोमल तनेजा खुद को गृह मंत्रालय में एडिशनल डायरेक्टर बताती थी। ये गैंग रात में कैफे, रेस्टोरेंट्स, बार पर छापा मारता था। डरा-धमकाकर पैसा वसूलता था। आज गाजियाबाद पुलिस के हत्थे चढ़ गए। pic.twitter.com/ZIZsH2dy2D
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) July 27, 2024
इस गैंग के बारे में जानकारी मिलते ही गाज़ियाबाद पुलिस ने एक विशेष टीम गठित की और एक योजनाबद्ध ऑपरेशन की तैयारी की। इस ऑपरेशन के तहत, पुलिस ने इन आरोपियों को उनके घरों और संदिग्ध स्थानों पर छापेमारी कर पकड़ा। छापे के दौरान, पुलिस को इन अपराधियों के पास से फर्जी दस्तावेज, सरकारी बिल्ले और अन्य उपकरण मिले, जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि वे सरकारी अधिकारियों के रूप में अपनी पहचान बना रहे थे।
गिरफ्तारी के बाद, इन आरोपियों से की गई पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि वे विभिन्न रेस्टोरेंट्स और कैफे पर नियमित रूप से छापे मारते थे। इन छापों के दौरान, वे व्यवसायियों से भारी रकम की मांग करते थे, और इनकार करने पर उन्हें दंड की धमकी देते थे। कई बार तो ये लोग वसूली की रकम को ही अपनी जेब में डाल लेते थे।
गाज़ियाबाद पुलिस ने इस मामले में कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है और सभी आरोपियों को न्यायालय में पेश किया जाएगा। इस घटना ने यह संकेत दिया है कि नकली अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि आम जनता सुरक्षित रह सके और धोखाधड़ी से बच सके। पुलिस ने व्यवसायियों और आम लोगों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें, ताकि ऐसे गिरोहों को पकड़ा जा सके और अन्य लोगों को इनसे बचाया जा सके।