एक नया विवादास्पद मामला सामने आया है जिसमें एक बाबा अपने अनुयायियों को कष्टों से मुक्ति दिलाने के नाम पर थप्पड़ मारता है। यह बाबा, जिसे लोग 'थप्पड़ वाला बाबा' के नाम से जानते हैं, अपने आश्रम में आने वाली महिलाओं और भक्तों को धड़ाधड़ थप्पड़ मारता है। यह घटनाक्रम न सिर्फ अमानवीय है, बल्कि एक आपराधिक कृत्य भी है।
हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में देखा जा सकता है कि बाबा किस तरह से अपने अनुयायियों पर हाथ उठा रहा है। यह बाबा कहता है कि उसके थप्पड़ों से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और वे तुरंत स्वस्थ हो जाते हैं। लेकिन इस तरह की प्रथा ने कई लोगों के मन में सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह मामला न केवल महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा के खिलाफ है, बल्कि यह धार्मिक विश्वासों का भी मजाक उड़ाता है। कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और मानवाधिकार संगठनों ने इस बाबा की कड़ी निंदा की है और उसे गिरफ्तार करने की मांग की है।
मैं नहीं जानता यह 'थप्पड वाला बाबा' किस धर्म का धूर्त पाखंडी हैं। लेकिन भक्तों का कष्ट दूर करने का यह तरीका ना सिर्फ अमानवीय बल्कि आपराधिक कृत्य भी हैं। pic.twitter.com/XPdjNRc02I
— Hansraj Meena (@HansrajMeena) July 19, 2024
बाबा का यह आचरण न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह समाज में गलत संदेश भी फैलाता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस प्रकार के पाखंडियों को लोग आज भी पूजते हैं और उनके अनुयायी बनते हैं। यह समाज के लिए एक बड़ा खतरा है और इसे रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाना बेहद जरूरी है।
कई विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार की घटनाएं उन लोगों के विश्वास का शोषण करती हैं जो मानसिक, शारीरिक या आर्थिक कष्टों से जूझ रहे हैं। वे अपनी समस्याओं का समाधान पाने के लिए किसी भी उपाय को अपनाने के लिए तैयार हो जाते हैं, भले ही वह कितना ही अनुचित क्यों न हो।
इस मामले में, थप्पड़ मारने वाले बाबा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। प्रशासन और कानून व्यवस्था को चाहिए कि वे तुरंत हस्तक्षेप करें और इस प्रकार के अमानवीय कृत्यों को रोकें। इसके साथ ही, समाज को भी जागरूक होना चाहिए और ऐसे पाखंडियों से सावधान रहना चाहिए जो उनके विश्वास का दुरुपयोग करते हैं।
धार्मिक गुरुओं का कर्तव्य है कि वे लोगों को सही मार्गदर्शन दें और उनके जीवन को बेहतर बनाने में मदद करें, न कि उनका शोषण करें। थप्पड़ वाला बाबा जैसे लोगों की वजह से वास्तविक और सच्चे धार्मिक गुरुओं की छवि भी धूमिल होती है।
आशा है कि इस घटना के बाद समाज में जागरूकता बढ़ेगी और लोग ऐसे धोखेबाजों से बचने के लिए सतर्क रहेंगे। साथ ही, प्रशासन से अपेक्षा है कि वह इस मामले में त्वरित और सख्त कार्रवाई करे ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।