वास्तु शास्त्र भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो हमारे घर और जीवन की ऊर्जा को संतुलित करने के लिए दिशाओं और स्थानों का निर्धारण करता है। घर में दवाइयां रखने का सही स्थान भी वास्तु शास्त्र के अनुसार बहुत महत्वपूर्ण होता है। यदि दवाइयां सही दिशा में और सही स्थान पर रखी जाएं तो उनका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और स्वास्थ्य में सुधार होता है। आइए जानते हैं कि वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में दवाइयां रखने का सही स्थान कौन सा है।
उत्तर-पूर्व दिशा
वास्तु शास्त्र के अनुसार, उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) को घर की सबसे पवित्र दिशा माना जाता है। यह दिशा स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है। इस दिशा में दवाइयां रखने से उनका सकारात्मक प्रभाव बढ़ता है और वे जल्दी असर करती हैं। उत्तर-पूर्व दिशा में एक साफ और व्यवस्थित अलमारी में दवाइयां रखनी चाहिए।
दक्षिण-पूर्व दिशा
दक्षिण-पूर्व दिशा (अग्नि कोण) भी दवाइयां रखने के लिए उपयुक्त मानी जाती है। यह दिशा ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक है। यहां दवाइयां रखने से उनके गुण और प्रभाव बढ़ जाते हैं। इस दिशा में दवाइयां रखने से उनके उपयोग से स्वास्थ्य में तेजी से सुधार होता है।
उत्तर दिशा
उत्तर दिशा भी दवाइयां रखने के लिए अच्छी मानी जाती है। यह दिशा धन और समृद्धि का प्रतीक होती है। उत्तर दिशा में दवाइयां रखने से उनके प्रभाव में वृद्धि होती है और वे रोगों से जल्दी राहत दिलाती हैं। इस दिशा में दवाइयों को एक साफ और सुरक्षित स्थान पर रखना चाहिए।
क्या न करें
वास्तु शास्त्र के अनुसार, कुछ दिशाएं ऐसी होती हैं जहां दवाइयां रखने से बचना चाहिए। इनमें दक्षिण-पश्चिम दिशा (नैऋत्य कोण) प्रमुख है। इस दिशा में दवाइयां रखने से उनका प्रभाव कम हो सकता है और वे कम असरकारी हो सकती हैं। इसके अलावा, पश्चिम दिशा में भी दवाइयां रखने से बचना चाहिए, क्योंकि यह दिशा शनि से जुड़ी होती है और इसका प्रभाव स्वास्थ्य पर नकारात्मक हो सकता है।
अन्य सुझाव
साफ-सफाई: दवाइयों को हमेशा साफ और सूखे स्थान पर रखें। उन्हें गंदगी और धूल से दूर रखें।
संगठन: दवाइयों को एक व्यवस्थित और सुसंगठित तरीके से रखें ताकि वे आसानी से मिल सकें।
ताज़गी: दवाइयों की एक्सपायरी डेट चेक करते रहें और पुरानी दवाइयों को समय-समय पर हटा दें।
सुरक्षित स्थान: दवाइयों को बच्चों की पहुंच से दूर रखें और उन्हें सुरक्षित स्थान पर स्टोर करें।