सांकेतिक चित्र
उत्तर प्रदेश: भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) की सरकार ने अक्सर देश को विश्वगुरू बनने का सपना दिखाया है और ‘रामराज्य’ का दावा किया है। लेकिन राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की दयनीय स्थिति ने इस दावे की पोल खोल दी है। एक ताजा मामले में, स्वास्थ्य सेवाओं की गंभीर लापरवाही का शिकार एक महिला बनी, जिसने प्रसव पीड़ा के दौरान एम्बुलेंस की बार-बार अपील करने के बावजूद मदद नहीं मिलने के कारण अपने बच्चों को घर पर ही जन्म दिया। इसके बाद, बच्चों की इलाज न मिलने के कारण मौत हो गई।
मामला उत्तर प्रदेश के एक ग्रामीण इलाके का है, जहां प्रसव पीड़ा से जूझ रही महिला ने कई बार एम्बुलेंस बुलाने का प्रयास किया। हालांकि, एम्बुलेंस समय पर नहीं पहुंची और महिला को मजबूरी में घर पर ही प्रसव कराना पड़ा। इसके परिणामस्वरूप, नवजात बच्चों को आवश्यक चिकित्सा सहायता नहीं मिल पाई, जिसके चलते उनकी मौत हो गई। यह घटना राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की जर्जर स्थिति और प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है।
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— 𝙈𝙪𝙧𝙩𝙞 𝙉𝙖𝙞𝙣 (@Murti_Nain) July 28, 2024
विश्वगुरू होने की डींगे हांकने वाली भाजपा के रामराज्य उत्तरप्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का निकला जनाजा,
महिला प्रसव पीड़ा से तड़प रही थी और बार-बार एम्बुलेंस बुलाने पर भी नहीं पहुंची,
मजबूरी में महिला ने बच्चों को घर पर ही जन्म दिया और बच्चों की इलाज ना मिलने पर… pic.twitter.com/GAEP3dqECG
भा.ज.पा. की सरकार ने अपने चुनावी प्रचार में राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने का वादा किया था, लेकिन मौजूदा हालात यह दर्शाते हैं कि सरकारी दावे धरातल पर कहीं नहीं दिखते। राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति इतनी दयनीय हो चुकी है कि लोग बुनियादी सुविधाओं के लिए भी तरस रहे हैं। इस बीच, सरकार का ध्यान अन्य मुद्दों की ओर अधिक केंद्रित दिखता है, जैसे कि कांवड़ियों को हेलीकॉप्टर से फूल बरसाने की योजना। यह स्थिति सच्चे मायनों में शर्मनाक और विचारणीय है।
स्वास्थ्य सेवाओं की इस विकृत स्थिति ने न केवल स्थानीय निवासियों को दुखी किया है, बल्कि यह भी दर्शाया है कि मौजूदा व्यवस्था में सुधार की कितनी आवश्यकता है। राज्य सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की अत्यंत आवश्यकता है ताकि भविष्य में किसी और महिला या परिवार को ऐसी तकलीफ का सामना न करना पड़े।
इस मामले ने न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश के स्वास्थ्य ढांचे की वास्तविक स्थिति को उजागर किया है। भाजपा सरकार को अपनी प्राथमिकताएं पुनः निर्धारित करने की आवश्यकता है, और सबसे महत्वपूर्ण यह कि जनता की बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है।