वाराणसी, 25 जुलाई 2024: वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस के एक बड़े मामले ने पूरे शहर में हड़कंप मचा दिया है। लूट के आरोपी दारोगा सूर्य प्रकाश को मीडिया के सामने पेश नहीं किया गया, जबकि उसके साथियों को सार्वजनिक रूप से लाया गया। यह घटना पुलिस की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर सवाल खड़े करती है।
पिछले सप्ताह वाराणसी के एक प्रमुख ज्वेलरी व्यापारी से 42 लाख 50 हजार रुपये की लूट की घटना सामने आई थी। इस मामले में दारोगा सूर्य प्रकाश पर आरोप लगा कि उसने फर्जी क्राइम ब्रांच के नाम पर इस लूट को अंजाम दिया। पुलिस ने इस मामले में सूर्य प्रकाश और उसके दो अन्य साथियों को गिरफ्तार किया है।
जब दारोगा सूर्य प्रकाश को अदालत में पेश किया गया, तब उसे मीडिया के सामने नहीं लाया गया। इसके बजाय, लूट में शामिल उसके साथियों को मीडिया के सामने प्रस्तुत किया गया। यह निर्णय जनता के बीच कई सवाल खड़े कर रहा है।
#यूपी के #वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस का बड़ा कारनामा आया सामने !!
— MANOJ SHARMA LUCKNOW UP🇮🇳🇮🇳🇮🇳 (@ManojSh28986262) July 24, 2024
लूट के आरोपी दारोगा को नहीं लाया गया मीडिया के सामने, लूट में शामिल दारोगा के साथियों को सामने लाया गया !!
कोर्ट रूम से मुस्कुराते हुए निकला आरोपी दारोगा सूर्य प्रकाश, सोशल मीडिया पर आरोपी दारोगा का वीडियो हुआ वायरल… pic.twitter.com/lggC7Lj2I0
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ एक वीडियो दिखाता है कि सूर्य प्रकाश कोर्ट रूम से मुस्कुराते हुए निकल रहा है, जिससे उसकी गिरफ्तारी के प्रति पुलिस की गंभीरता पर संदेह उत्पन्न होता है।
इस मामले में पुलिस अधिकारियों का कहना है कि दारोगा को सुरक्षा कारणों से मीडिया के सामने नहीं लाया गया। उनका तर्क है कि सूर्य प्रकाश की सुरक्षा के दृष्टिगत यह कदम उठाया गया है। हालांकि, यह तर्क जनता के मन में उठ रहे सवालों को शांत नहीं कर पा रहा है।
गिरफ्तारी के बाद, सूर्य प्रकाश और उसके साथियों को अदालत में पेश किया गया। अदालत ने सूर्य प्रकाश को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है और उम्मीद है कि जल्द ही सभी तथ्य सामने आएंगे।
इस घटना के बाद वाराणसी की जनता में भारी रोष है। लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर क्यों दारोगा को मीडिया के सामने पेश नहीं किया गया। जनता की मांग है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को सख्त सजा मिले।
इस घटना ने एक बार फिर से पुलिस की कार्यप्रणाली और पारदर्शिता पर सवाल खड़े किए हैं। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले दिनों में पुलिस इस मामले को कैसे हैंडल करती है और जनता के विश्वास को कैसे बहाल करती है।
इस घटना ने वाराणसी के आम लोगों के मन में पुलिस की निष्पक्षता और पारदर्शिता के प्रति सवाल खड़े कर दिए हैं। अब यह देखना होगा कि पुलिस इस मामले में क्या कदम उठाती है और कैसे जनता के विश्वास को पुनः स्थापित करती है।