नई दिल्ली: एशियन न्यूज इंटरनेशनल (ANI) ने हाल ही में विकिपीडिया के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में 2 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा दायर किया है। ANI की एडिटर स्मिता प्रकाश ने इस मुकदमे को दायर करते हुए विकिपीडिया पर आरोप लगाया है कि उसने ANI की प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचाई है और उसके खिलाफ झूठी व अपमानजनक सामग्री प्रकाशित की है।
यह मुद्दा तब उठा जब विकिपीडिया पर ANI के पेज पर यह लिखा गया कि ANI की आलोचना इसलिए होती है क्योंकि उसे वर्तमान केंद्र सरकार का प्रचारतंत्र माना जाता है और फेक खबरें व मिस रिपोर्टिंग के लिए भी ANI की आलोचना की जाती है। इस प्रकार के आरोपों ने ANI की साख को गंभीर रूप से नुकसान पहुँचाया है और इसके चलते ANI ने कानूनी कार्रवाई करने का निर्णय लिया।
ANI ने अपने मुकदमे में दावा किया है कि विकिपीडिया पर प्रकाशित सामग्री न केवल झूठी है, बल्कि इसे उद्देश्यपूर्ण तरीके से उनकी छवि धूमिल करने के लिए लिखा गया है। ANI का कहना है कि वे एक निष्पक्ष और स्वतंत्र समाचार एजेंसी हैं और इस प्रकार के आरोप उनके प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता को गंभीर नुकसान पहुँचा सकते हैं।
मुकदमे के दस्तावेजों में ANI ने यह भी उल्लेख किया है कि विकिपीडिया का यह लेख उनकी ब्रांड इमेज को बर्बाद करने का प्रयास है और इसके परिणामस्वरूप उन्हें न केवल आर्थिक नुकसान हुआ है, बल्कि उनकी साख पर भी बुरा असर पड़ा है। ANI का दावा है कि विकिपीडिया पर इस प्रकार की झूठी सामग्री से उनके ग्राहकों और दर्शकों में भ्रम फैल सकता है और उनकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा हो सकता है।
स्मिता प्रकाश जी के ANI ने Wikipedia पर 2 करोड़ रुपए का दिल्ली हाइकोर्ट में मानहानि का मुकदमा किया है।
— Jaiky Yadav (@JaikyYadav16) July 9, 2024
दरअसल बात कुछ ऐसी है कि
आप जब ANI गूगल पर सर्च करोगे तो सबसे पहले Wikipedia की वेबसाइट ही आएगी तो उसमें ANI के लिए लिखा गया है कि
"ANI की इसलिए आलोचना की जाती है क्योंकि… pic.twitter.com/yEubdZibXE
वहीं, विकिपीडिया ने अपने बचाव में यह कहा है कि उनका प्लेटफॉर्म एक ओपन-सोर्स एनसाइक्लोपीडिया है जहाँ सामग्री का निर्माण और संपादन सामुदायिक योगदानकर्ताओं द्वारा किया जाता है। विकिपीडिया के प्रवक्ता ने कहा कि वे हमेशा सही और सटीक जानकारी प्रदान करने का प्रयास करते हैं और किसी भी प्रकार की त्रुटि की स्थिति में उसे सुधारने के लिए तत्पर रहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ANI की शिकायत को गंभीरता से लिया जाएगा और आवश्यक सुधार किए जाएंगे।
इस मामले ने मीडिया और कानूनी विशेषज्ञों के बीच काफी चर्चा पैदा की है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला डिजिटल मीडिया और पत्रकारिता के नैतिकता और जिम्मेदारी के मुद्दों को उजागर करता है। एक ओर, समाचार एजेंसियों को निष्पक्ष और सही रिपोर्टिंग का पालन करना चाहिए, वहीं दूसरी ओर, ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों को भी अपने प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित सामग्री की सटीकता और विश्वसनीयता को सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी निभानी चाहिए।
मीडिया विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि इस प्रकार के विवाद से डिजिटल प्लेटफॉर्म और पारंपरिक मीडिया के बीच संबंध और अधिक जटिल हो सकते हैं। जबकि विकिपीडिया एक स्वतंत्र और सामुदायिक संचालित प्लेटफॉर्म है, ऐसे मामलों में यह स्पष्ट होता है कि इसे भी अपने कंटेंट की निगरानी और सत्यापन के लिए मजबूत तंत्र की आवश्यकता है।
इस कानूनी विवाद ने यह भी सवाल उठाया है कि क्या ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों पर प्रकाशित सामग्री की विश्वसनीयता और सटीकता के लिए एक व्यापक और सख्त निगरानी प्रणाली की आवश्यकता है। यह मामला न केवल ANI के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह डिजिटल मीडिया और पत्रकारिता के भविष्य के लिए भी महत्वपूर्ण संदेश देता है।
आगामी दिनों में यह देखना रोचक होगा कि अदालत इस मामले में क्या निर्णय लेती है और यह निर्णय डिजिटल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों के संचालन पर क्या प्रभाव डालता है। इस मुकदमे का परिणाम न केवल ANI और विकिपीडिया के लिए, बल्कि समस्त मीडिया उद्योग के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।