प्रमुख धर्मगुरु और शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज ने हाल ही में एक गंभीर और सनसनीखेज खुलासा किया है, जिसने धार्मिक और प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है। स्वामी जी का आरोप है कि सिर्फ बाबा केदारनाथ धाम ही नहीं, बल्कि बाबा विश्वनाथ समेत देश के अन्य कई प्रसिद्ध मंदिरों से भी सोना चोरी हुआ है।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से यह खुलासा किया कि उनकी जांच में सामने आया है कि इन मंदिरों से अनगिनत सोने की वस्तुएं चोरी हुई हैं, जोकि धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक धरोहर पर बड़ा आघात है। उन्होंने कहा, “हम इस मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। लेकिन हमारे खुलासे के बाद हमें आरोपी बनाने की कोशिश की जा रही है, जिससे हमारी सत्यता को छुपाया जा सके।”
स्वामी जी ने यह भी आरोप लगाया कि धार्मिक संस्थानों में हो रही इस चोरी की घटनाओं को सरकार और संबंधित प्राधिकरण द्वारा गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। उनका कहना है कि यह एक बड़ा नेटवर्क है, जिसमें शक्तिशाली लोगों का हाथ है। इस खुलासे के बाद उन्होंने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ जानबूझकर झूठे मामले दर्ज कर उन्हें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।
SHOCKING NEWS
— Surbhi (@SurrbhiM) July 25, 2024
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज का बहुत बड़ा खुलासा,
सिर्फ बाबा केदारनाथbधाम से ही नहीं बाबा विश्वनाथ समेत देश के और कई मन्दिरों में से भी सोना चोरी हुआ है .
हम उनकी जांच की कर रहे हैं तो हमें बदनाम कर रहे हैं । pic.twitter.com/aQQTIp9T7q
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी ने इस गंभीर मुद्दे की जांच की मांग करते हुए सभी संबंधित अधिकारियों और धार्मिक संगठनों से अपील की है कि वे इस मामले को गंभीरता से लें और सच्चाई का खुलासा करें। उन्होंने कहा, “यह समय है कि हम सब मिलकर इस भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाएं और धर्म और संस्कृति की रक्षा करें। हमें न्याय का इंतजार है।”
इस खुलासे के बाद से धार्मिक संगठनों और भक्तों के बीच चिंता और आक्रोश बढ़ गया है। मंदिरों की सुरक्षा व्यवस्था और चोरी की घटनाओं की जांच को लेकर सरकार और प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है। इस मामले में अब देखने वाली बात यह होगी कि स्वामी जी के आरोपों की सत्यता क्या है और इस मुद्दे की गहन जांच के बाद क्या कार्रवाई की जाएगी।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी की यह बात धार्मिक, सांस्कृतिक और प्रशासनिक क्षेत्रों में एक बड़ा सवाल खड़ा करती है, और इससे जुड़ी विभिन्न प्रतिक्रियाओं का इंतजार अब किया जा रहा है।