राजस्थान में हाल ही में सामने आए एक विवाद ने राज्य की पुलिस और उसके कार्यप्रणाली को लेकर गहरी चिंता जताई है। शंकर मेघवाल नामक व्यक्ति की हत्या के मामले में राजस्थान पुलिस का एक विवादित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इस वीडियो में एक पुलिसकर्मी ने खुलेआम यह कह दिया कि शंकर मेघवाल "चूतिया था" और उसकी हत्या को सही ठहराया है।
वीडियो में देखा जा सकता है कि पुलिसकर्मी की जुबान से निकलते शब्द न केवल आपत्तिजनक हैं, बल्कि यह भी सवाल खड़ा करते हैं कि क्या पुलिस अपने कर्तव्यों के प्रति पूरी तरह से गंभीर है या नहीं। पुलिसकर्मी का यह बयान न केवल हत्या की संवेदनशीलता को नजरअंदाज करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि क्या पुलिस और सरकार के बीच कोई गुप्त समर्थन या सांठगांठ तो नहीं है।
शंकर मेघवाल की हत्या को लेकर स्थानीय लोगों में गुस्सा और आक्रोश है। उन्हें इस बात की आशंका है कि पुलिस द्वारा यह बयान देकर यह संकेत दिया जा रहा है कि हत्या का न्यायोचित ठहराना सही है। इसका मतलब यह हो सकता है कि पुलिस मामले की निष्पक्ष जांच करने में विफल रही है।
राजस्थान पुलिस का चरित्र देखिए
— sureshmehar (@Sureshmehar__) July 26, 2024
शंकर मेघवाल के लिये बोले रहे है वो तो चूतिया था
अच्छा किया मार के
आख़िर अपराधी से इतना लगाव क्यों
क्या ये पुलिस निष्पक्ष जाँच करेगी @PoliceRajasthan ये क्या है जिस तरह से ये आपका कॉन्स्टेबल बोल रहा है
कही ये सब सरकार व पुलिस के समर्थन से… pic.twitter.com/TBRNFFcki5
यह वीडियो सामने आने के बाद, सवाल उठ रहे हैं कि क्या पुलिस का यह बयान केवल एक पुलिसकर्मी की व्यक्तिगत राय है या यह किसी बड़ी साजिश का हिस्सा है। क्या सरकार और पुलिस बल की ओर से हत्या की सही जांच को लेकर कोई गंभीरता नहीं है?
राजस्थान पुलिस के इस व्यवहार से यह सवाल भी उठता है कि क्या पुलिस बल को आम जनता की सुरक्षा और न्याय दिलाने के अपने कर्तव्यों के प्रति सचेत रहना चाहिए। क्या यह वीडियो इस बात का संकेत है कि पुलिस और सरकार की ओर से शंकर मेघवाल की हत्या को लेकर न्याय की प्रक्रिया में कोई अनियमितता हो सकती है?
समाज के विभिन्न वर्गों ने इस मुद्दे पर गहरी चिंता जताई है और वे चाहते हैं कि मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की जाए। यह समय है जब राजस्थान पुलिस को अपनी कार्यप्रणाली पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है ताकि ऐसे विवादों से बचा जा सके और न्याय का सही रास्ता अपनाया जा सके।