झांसी: नीरज विश्वकर्मा और उनकी पत्नी रिचा सोनी विश्वकर्मा, जो उत्तर प्रदेश के झांसी के निवासी हैं, एक बार फिर से चर्चा में आ गए हैं। रिचा विश्वकर्मा ने आज लेखपाल का पद प्राप्त कर लिया है, लेकिन इस सफलता के साथ ही उन्होंने एक बड़ा निर्णय भी लिया। रिचा ने लेखपाल बनते ही अपने पति नीरज को छोड़ दिया।
यह नीरज विश्वकर्मा और उनकी पत्नी रिचा सोनी विश्वकर्मा हैं। यह यूपी के झांसी की रहने वाली हैं। आज रिचा विश्वकर्मा लेखपाल बन गईं हैं,
— Jaiky Yadav (@JaikyYadav16) July 10, 2024
इन्होंने लेखपाल बनते ही पहला काम अपने पति को छोड़ने का किया। 5 साल पहले दोनों मिले थे और 2 साल पहले लव मरीज शादी कर ली थी।
नीरज ने अपनी पत्नी को… pic.twitter.com/Jfn85rrLc1
रिचा और नीरज की मुलाकात 5 साल पहले हुई थी और 2 साल पहले उन्होंने प्रेम विवाह कर लिया था। नीरज ने अपनी पत्नी की शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने रिचा की हर संभव मदद की और उनकी पढ़ाई के दौरान किसी भी चीज़ की कमी नहीं होने दी। नीरज ने अपनी पत्नी के सपनों को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास किया और आज, रिचा के लेखपाल बनने के साथ, नीरज को उनके समर्पण का फल मिला।
रिचा का यह निर्णय सभी के लिए एक बड़ा धक्का साबित हुआ है। प्रेम विवाह के बाद दोनों ने एक साथ अपने भविष्य की योजनाएं बनाई थीं, लेकिन लेखपाल बनने के बाद रिचा ने अपने पति से अलग होने का निर्णय ले लिया। यह घटना यह दिखाती है कि जीवन की राहें कितनी अनिश्चित हो सकती हैं और कभी-कभी हमारे फैसले हमारे आस-पास के लोगों को गहराई से प्रभावित कर सकते हैं।
इस निर्णय के पीछे रिचा के मनोविज्ञान और उनकी सोच के बारे में जानने की अभी भी कोशिश की जा रही है। नीरज, जिन्होंने अपनी पत्नी के सपनों को साकार करने में हर संभव मदद की, अब इस स्थिति का सामना कर रहे हैं। उनके लिए यह समय कठिनाइयों से भरा हो सकता है, लेकिन यह भी एक सीख है कि जीवन में हर परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।