सांकेतिक चित्र
हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें कुछ लोग अंधविश्वास और धार्मिक कट्टरता की सभी सीमाएँ पार करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस वीडियो में एक बाबा अपने अनुयायियों से अपने पैर धोवा रहे हैं, और जो पानी बाबा के पैरों से निकलता है, उसे उनके भक्त प्रसाद के रूप में ग्रहण कर रहे हैं।
इस वीडियो में देखा जा सकता है कि बाबा अपने पैर धोते हैं और उनके पैर की मैल को एक पात्र में एकत्र किया जाता है। उसके बाद, भक्त उस मैल को प्रसाद मानकर पी जाते हैं। इस कृत्य को अंधविश्वास और धार्मिक कट्टरता का चरम माना जा रहा है।
अंधविश्वास की सभीसीमा पर कर चुके हैं ये लोग
— TIGER 🦁 (@TIGER_QY) July 9, 2024
बाबा अपने पैर को धोलवाते हैं और पैर की निकली हुई मैल को भक्त पी डालते हैं
और फिर यही लोग मुसलमान पर उंगली उठाते हैं मुसलमान धर्म को बदनाम करते हैं pic.twitter.com/AkFwiKCfFu
विडंबना यह है कि यही लोग, जो इस प्रकार के अंधविश्वास में लिप्त हैं, दूसरे धर्मों, विशेषकर मुसलमानों, पर उंगली उठाते हैं और उनके धर्म को बदनाम करते हैं। इस प्रकार की घटनाएँ न केवल समाज में अंधविश्वास को बढ़ावा देती हैं, बल्कि विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच तनाव और विभाजन को भी बढ़ाती हैं।
समाज के इन हिस्सों में अंधविश्वास और कट्टरता के खिलाफ जागरूकता फैलाना अत्यंत आवश्यक है। लोगों को यह समझाने की जरूरत है कि इस प्रकार के कृत्य न केवल अवैज्ञानिक और अनुचित हैं, बल्कि वे सामाजिक और धार्मिक सौहार्द को भी नुकसान पहुँचाते हैं। शिक्षा और जागरूकता ही ऐसे अंधविश्वास और कट्टरता के जाल से समाज को बाहर निकाल सकते हैं।
इस प्रकार की घटनाओं से यह स्पष्ट है कि समाज में आज भी अंधविश्वास और धार्मिक कट्टरता का बोलबाला है। इसे समाप्त करने के लिए समाज के हर वर्ग को मिलकर प्रयास करना होगा और शिक्षा तथा जागरूकता के माध्यम से ही इसे जड़ से उखाड़ फेंका जा सकता है।