राजस्थान के अलवर जिले से ताल्लुक रखने वाले शहीद अग्निवीर जितेंद्र सिंह तंवर की शहादत को दो महीने बीत चुके हैं, लेकिन अब तक उनके परिवार को किसी तरह की सरकारी सहायता नहीं मिली है। बीबीसी द्वारा जारी एक वीडियो रिपोर्ट में यह साफ दिखाया गया है कि शहीद अग्निवीर की माँ, आँसू भरी आँखों से रो-रो कर अपनी पीड़ा व्यक्त कर रही हैं। उनका कहना है कि ना तो उनके बेटे को शहीद का दर्जा मिला है और ना ही सरकार की ओर से कोई आर्थिक सहायता प्रदान की गई है।
राहुल गांधी ने संसद में जब अग्निवीर मामले को उठाया, तब दिल्ली से फोन कॉल्स आने शुरू हुए और हाल ही में 48 लाख रुपये की मदद दी गई। लेकिन इस मदद के मिलने तक, शहीद जितेंद्र सिंह तंवर के परिवार को कोई सहायता नहीं मिली थी। संसद में राजनाथ सिंह ने इस मामले में जो बयान दिया था, वह पूरी तरह से झूठा था।
कुणाल शुक्ला ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "बीबीसी की यह रिपोर्ट देखिए तो आपको समझ आएगा राजनाथ सिंह ने अग्निवीर मामले पर संसद में कितनी बेशर्मी से झूठ बोला है।"
शहीद अग्निवीर के परिवार की संघर्ष गाथा
शहीद जितेंद्र सिंह तंवर के परिवार ने पिछले दो महीनों में संघर्ष और निराशा का सामना किया है। उनकी माँ ने अपने बेटे के खोने का दर्द झेला है और सरकार की उपेक्षा का भी सामना किया है। बीबीसी की रिपोर्ट में साफ तौर पर दिखाया गया है कि परिवार को अब तक कोई भी आर्थिक सहायता नहीं मिली थी, जबकि उन्हें आश्वासन दिया गया था कि सरकार उनकी मदद करेगी।
परिवार के एक सदस्य ने बताया, "हमारे बेटे ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी, लेकिन हमें न तो शहीद का दर्जा मिला और न ही कोई वित्तीय सहायता। यह हमारे लिए बहुत ही निराशाजनक है।"
राहुल गांधी का हस्तक्षेप
राहुल गांधी ने जब इस मामले को संसद में उठाया, तब जाकर अधिकारियों का ध्यान इस ओर आकर्षित हुआ। दिल्ली से फोन कॉल्स आने लगे और अधिकारियों ने परिवार से संपर्क किया। इसके बाद ही 48 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की गई। इससे यह सवाल उठता है कि क्या सरकार ने केवल राजनीतिक दबाव के कारण ही परिवार की सहायता की है?
राहुल गांधी ने संसद में कहा, "यह बहुत ही शर्मनाक है कि हमारे देश के जवान जो देश की रक्षा के लिए अपनी जान देते हैं, उनके परिवार को इस तरह की उपेक्षा का सामना करना पड़ता है। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह शहीदों के परिवारों की देखभाल करे और उन्हें सम्मानित करे।
"बीबीसी की यह रिपोर्ट देखिए तो आपको समझ आएगा राजनाथ सिंह ने #अग्निवीर मामले पर संसद में कितनी बेशर्मी से झूठ बोला है।
— Kunal Shukla (@kunal492001) July 8, 2024
2 माह पूर्व शहीद हुए अग्निवीर के परिवार को 48 लाख की रकम का मुवावजा उसके बाद मिला जब राहुल गांधी ने संसद में मामला उठाया।
अग्निवीर के परिवार की कोई सुध नहीं ले… pic.twitter.com/quJh04ZUCw
राजनाथ सिंह पर झूठ बोलने का आरोप
राजनाथ सिंह पर संसद में झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कुणाल शुक्ला ने कहा, "सरकार को यह स्वीकार करना चाहिए कि उन्होंने इस मामले में लापरवाही बरती है। यह बहुत ही शर्मनाक है कि एक शहीद के परिवार को अपनी बुनियादी जरूरतों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।"
सरकार की प्रतिक्रिया
सरकार की ओर से अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन, इस घटना ने सरकार की कार्यप्रणाली और शहीदों के परिवारों के प्रति उनके रवैये पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जनता और विपक्षी दलों का मानना है कि सरकार को शहीदों के परिवारों की मदद के लिए तुरंत कदम उठाने चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी घटनाएँ भविष्य में न हों।
समाज की भूमिका
इस घटना ने समाज के विभिन्न वर्गों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है। क्या हम अपने शहीदों और उनके परिवारों के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं? यह घटना हमें याद दिलाती है कि हमें शहीदों के परिवारों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए और उनकी हर संभव सहायता करनी चाहिए।
अग्निवीर जितेंद्र सिंह तंवर की शहादत ने हमें यह सोचने पर मजबूर किया है कि क्या हम अपने शहीदों और उनके परिवारों के प्रति सही मायनों में कृतज्ञ हैं? सरकार की ओर से इस मामले में जो लापरवाही बरती गई है, वह न केवल शर्मनाक है, बल्कि हमारे शहीदों के प्रति हमारी जिम्मेदारी को भी सवालों के घेरे में लाती है। अब समय आ गया है कि सरकार और समाज मिलकर शहीदों के परिवारों की मदद के लिए ठोस कदम उठाएं और यह सुनिश्चित करें कि उन्हें किसी भी तरह की कठिनाई का सामना न करना पड़े।