सांकेतिक चित्र
मणिपुर: एक बार फिर मणिपुर की शांति स्थापित करने के दावों की पोल खुल गई है। एडवोकेट बलराज मलिक और उनकी फैक्ट फाइंडिंग टीम ने एक चौंकाने वाले खुलासे में बताया है कि मणिपुर में उग्रवादियों को 7 हजार से ज्यादा AK-47 बंदूके, 7 लाख से ज्यादा गोलियां और तकरीबन 14.5 हजार बॉम्ब सौंपे गए हैं। इसके साथ ही उन्हें पुलिस की वर्दियां भी मुहैया कराई गई हैं।
फैक्ट फाइंडिंग टीम का खुलासा
एडवोकेट बलराज मलिक और उनकी टीम ने इस खुलासे से एक नई बहस को जन्म दिया है। उन्होंने बताया कि मणिपुर में उग्रवादियों को इतनी बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद सौंपा गया है, जो राज्य की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि इन हथियारों का इस्तेमाल उग्रवादी समूह भारत की सुरक्षा को चुनौती देने के लिए कर सकते हैं।
बलराज मलिक ने यह भी आशंका जताई है कि ये हथियार और गोला-बारूद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों के हाथ लग सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो देश की सुरक्षा को बड़ा खतरा हो सकता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पहले से ही भारत के खिलाफ उग्रवादियों को समर्थन देने में शामिल रहा है और अब इन हथियारों के माध्यम से वह भारत को और भी ज्यादा अस्थिर करने की कोशिश कर सकता है।
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— 𝙈𝙪𝙧𝙩𝙞 𝙉𝙖𝙞𝙣 (@Murti_Nain) July 23, 2024
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उग्रवादियों को 7 हजार से ज्यादा AK-47 बंदूके, 7 लाख से ज्यादा गोलियां और तकरीबन 14.5 हजार बॉम्ब सौंपे गए हैं और साथ में पुलिस की वर्दियां भी हैं,
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इस खुलासे ने देशभर में हड़कंप मचा दिया है। अगर ये हथियार और गोला-बारूद उग्रवादियों के हाथ लगते हैं और पाकिस्तान के रास्ते दुनियाभर में फैलते हैं तो इससे भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को भी नुकसान पहुंच सकता है। भारत को एक आतंकी देश घोषित किए जाने का खतरा भी बढ़ सकता है।
बलराज मलिक ने बताया कि ये हथियार भारत द्वारा निर्मित हैं और म्यांमार के रास्ते दुनियाभर के कई देशों में पहुंच सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर ऐसा हुआ तो भारत की सुरक्षा एजेंसियों को बहुत बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा।
इस पूरी स्थिति को बलराज मलिक ने बेहद शर्मनाक बताया है। उन्होंने कहा कि यह घटना दिखाती है कि देश की सुरक्षा व्यवस्था में कितनी बड़ी खामियां हैं। उन्होंने सरकार से इस मामले की गंभीरता से जांच करने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
इस खुलासे के बाद सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार है। विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कड़े सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि मणिपुर में शांति स्थापित करने के दावे मात्र खोखले साबित हो रहे हैं और सरकार की नीतियों में बड़े सुधार की जरूरत है।
मणिपुर में उग्रवादियों को इतनी बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद सौंपा जाना एक गंभीर मुद्दा है। इस खुलासे ने देशभर में सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। अब देखना होगा कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है और कैसे इन हथियारों को उग्रवादियों के हाथों में जाने से रोकती है। देश की सुरक्षा और शांति के लिए यह एक बड़ा चुनौतीपूर्ण समय है।