उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर से हलचल मच गई है। हाल ही में योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा सभी दुकानदारों को अपनी दुकानों पर अपना नाम लिखने को लेकर जारी किए गए फरमान ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार ने दलितों की दुकानों पर भोजन और खरीददारी करने पर रोक लगा दी है।
संजय सिंह का कहना है कि पहले भाजपा सरकार ने मंदिर प्रवेश पर रोक लगाई थी और अब उन्होंने दलितों की दुकानों को निशाना बनाया है। उनका आरोप है कि यह फैसला समाज में विभाजन और असमानता को बढ़ावा देने वाला है।
संजय सिंह ने कहा, "योगी सरकार का यह कदम दलितों के खिलाफ भेदभाव को बढ़ावा देने वाला है। यह न सिर्फ उनके व्यापार को प्रभावित करेगा बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति को भी कमजोर करेगा। यह समझ से परे है कि भाजपा सरकार दलितों से इतनी नफरत क्यों करती है।"
अब बंद होगी दलितों की दुकान।
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) July 19, 2024
योगी ने जारी किया फ़रमान।
BJP ने पहले मंदिर प्रवेश रोक लगाई अब उनकी दुकान पर कोई खाना नहीं खायेगा।
न ही कोई कुछ ख़रीदेगा।
BJP वालों PDA से इतनी नफ़रत क्यों? pic.twitter.com/6zQ5S6I7yz
इस विवाद ने राजनीतिक माहौल को और गर्मा दिया है। विभिन्न विपक्षी दलों ने भी इस फैसले की कड़ी निंदा की है और इसे समाज के कमजोर वर्गों के खिलाफ एक साजिश करार दिया है।
योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस मुद्दे पर अभी तक कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इस फैसले को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। भाजपा के प्रवक्ताओं ने इसे विपक्ष का प्रोपेगेंडा करार देते हुए कहा है कि सरकार का कोई ऐसा इरादा नहीं है जो समाज के किसी विशेष वर्ग को निशाना बनाए।
इस विवाद से दलित समुदाय में आक्रोश बढ़ रहा है और उनके द्वारा विभिन्न स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। इस मुद्दे ने न सिर्फ राज्य बल्कि पूरे देश में एक बड़ी बहस को जन्म दे दिया है।
आगे आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस विवाद को कैसे संभालती है और विपक्ष इसे किस प्रकार भुनाता है।
नोट - यह लेख आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह के ट्वीट पर आधारित है।