कन्नौज: उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में एक नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता ने आत्महत्या कर ली है। बताया जा रहा है कि वह कार्यवाही न होने और समझौते के दबाव के चलते परेशान थी। इस घटना ने इलाके में हड़कंप मचा दिया है और पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं।
सौरिख थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली 16 वर्षीय नाबालिग लड़की का 10 दिन पहले गांव के ही दो युवकों ने अपहरण कर लिया था। इसके बाद दोनों ने उसे एक सुनसान जगह पर ले जाकर उसके साथ गैंगरेप किया। पीड़िता ने घर लौटकर अपने परिजनों को पूरी घटना की जानकारी दी, जिसके बाद परिवार ने स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज कराई।
पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि शिकायत दर्ज कराने के बावजूद पुलिस ने मामले में कोई ठोस कार्यवाही नहीं की। इसके अलावा, दुष्कर्मियों के परिजन लगातार पीड़िता के परिवार पर समझौता करने का दबाव बना रहे थे। पीड़िता इन दबावों से अत्यधिक मानसिक तनाव में थी और न्याय की उम्मीद छोड़ चुकी थी। इसी मानसिक तनाव के चलते उसने आत्महत्या जैसा कठोर कदम उठाया।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि, दूसरे आरोपी की गिरफ्तारी अभी तक नहीं हो पाई है। पुलिस का कहना है कि वह दूसरे आरोपी की तलाश में जुटी है और जल्द ही उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
कन्नौज
— Manraj Meena (@ManrajM7) July 23, 2024
•कन्नौज में नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता ने किया सुसाइड
•कार्यवाही न होने से परेशान दुष्कर्म पीड़िता ने दी जान
•10 दिन पहले गांव के 2 युवकों ने किया था अपहरण और गैंगरेप
•समझौते के दबाव,कार्रवाई न होने पर किया सुसाइड
•सौरिख थाना क्षेत्र के गांव की रहने वाली थी पीड़िता… pic.twitter.com/aQv3XPBe5Y
इस घटना के बाद स्थानीय निवासियों में आक्रोश फैल गया है। लोगों का कहना है कि पुलिस की लापरवाही और निष्क्रियता के कारण पीड़िता को आत्महत्या करने पर मजबूर होना पड़ा। उन्होंने मांग की है कि दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए और पुलिस प्रशासन की भूमिका की जांच की जाए।
कन्नौज के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने इस मामले पर बयान देते हुए कहा कि पुलिस पूरी गंभीरता से जांच कर रही है और दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पीड़िता के परिवार और स्थानीय निवासियों ने न्याय की मांग की है। उनका कहना है कि इस घटना ने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है और अब समय आ गया है कि समाज ऐसे अपराधों के खिलाफ आवाज उठाए। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि वे इस मामले में न्याय दिलाने के लिए तेजी से कदम उठाएं।
यह दुखद घटना यह सवाल उठाती है कि क्या हमारे समाज और प्रशासन में नाबालिग लड़कियों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त प्रावधान हैं? क्या उनके साथ हुए अत्याचारों के खिलाफ न्याय पाने की उम्मीद जीवित है? अब यह समय की मांग है कि हम सभी मिलकर ऐसे अपराधों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाएं और पीड़िताओं को न्याय दिलाएं।