चित्रकूट: चित्रकूट जनपद के ग्राम मकरी पहरा घाट में स्थित मंदाकिनी पुल, जो पांच महीने पहले ही उद्घाटित हुआ था, अब भ्रष्टाचार की एक नई मिसाल बनता दिख रहा है। इस पुल की लागत 1371.72 लाख रुपये थी, लेकिन उद्घाटन के मात्र पांच महीने के भीतर ही पुल और इसकी सड़क की स्थिति काफी दयनीय हो गई है।
मंदाकिनी पुल का निर्माण कार्य 27 मार्च 2020 को शुरू हुआ था और इसे 29 फरवरी 2024 को पूर्ण घोषित किया गया था। 181 मीटर लंबे इस पुल को देखने के लिए क्षेत्रीय लोगों में काफी उम्मीदें थी, लेकिन अब यह उम्मीदें निराशा में बदलती नजर आ रही हैं। पुल की उद्घाटन के बाद की स्थिति इस कदर खराब हो गई है कि पुल के चारों तरफ बड़े-बड़े गड्ढे उभर आए हैं, और साइड में बनाई गई सेफ्टी लाइन दो फीट नीचे चली गई है।
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— Abhimanyu Singh Journalist (@Abhimanyu1305) July 30, 2024
👉🏾 चित्रकूट जनपद के ग्राम मकरी पहरा घाट में पांच माह पूर्व मंदाकिनी पुल का उद्घाटन हुआ है। जो अभी से चारो तरफ फट गया।
👉🏾 वहीं पुल के दोनों तरफ बनाई गई सड़क में बड़े बड़े गड्ढे हो गए, साइड में बनाई गई सेफ्टी लाइन दो फिट नीचे चली गयी।
👉🏾 इस मंदाकिनी सेतु का… pic.twitter.com/7yZ1rPNVQi
स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल की खराब गुणवत्ता और निर्माण कार्य में अनियमितताओं ने उन्हें चिंतित कर दिया है। उनके अनुसार, पुल का उद्घाटन होते ही इसकी हालत खराब होना और सड़क में गड्ढों का आना एक बड़ा संकेत है कि निर्माण में गंभीर लापरवाही की गई है। यह स्थिति न केवल पुल की सुरक्षा पर सवाल उठाती है, बल्कि इसमें हुई भ्रष्टाचार की गंभीरता को भी उजागर करती है।
निर्माण कार्य की निगरानी करने वाली सरकारी एजेंसियों पर सवाल उठ रहे हैं, और यह आशंका व्यक्त की जा रही है कि पुल के निर्माण में मानक और गुणवत्ता की अनदेखी की गई है। स्थानीय नेताओं और निवासियों ने सरकारी अधिकारियों से मांग की है कि इस मामले की पूरी जांच की जाए और दोषी ठहराए जाएं।
सरकारी अधिकारियों ने इस मामले पर कोई स्पष्ट टिप्पणी नहीं की है, लेकिन यह मामला भ्रष्टाचार के खिलाफ एक चेतावनी के रूप में उभरा है। जब एक पुल, जो लाखों रुपये की लागत से बनाया गया है, मात्र पांच महीने में ही इस हालत में पहुँच जाता है, तो यह निश्चित रूप से सार्वजनिक धन के दुरुपयोग और निर्माण कार्य की गुणवत्ता की समीक्षा की आवश्यकता को दर्शाता है।