कलयुग, हिंदू धर्म में चार युगों में से अंतिम युग है। शास्त्रों के अनुसार, यह युग पाप, अधर्म और अशांति का काल माना जाता है। कहा जाता है कि कलयुग में धीरे-धीरे नैतिकता का पतन होगा, लोग स्वार्थी और लालची बन जाएंगे, और समाज में अनेक प्रकार के संकट उत्पन्न होंगे।
लेकिन क्या आप जानते हैं कलयुग के लक्षण क्या हैं?
हिंदू ग्रंथों में कलयुग के अनेक लक्षणों का वर्णन मिलता है। इनमें से कुछ प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं:
- धर्म में कमी: कलयुग में लोग धर्म से विमुख हो जाएंगे। वेदों और शास्त्रों का पालन नहीं करेंगे, और अधार्मिक कार्यों में लिप्त रहेंगे।
- अधर्म का बोलबाला: कलयुग में अधर्म का बोलबाला होगा। लोग सच बोलने से कतराएंगे, और अन्याय तथा पापाचार में लिप्त रहेंगे।
- ईर्ष्या और द्वेष: कलयुग में लोगों में ईर्ष्या और द्वेष की भावना बढ़ेगी। वे एक दूसरे की हानि करने का प्रयास करेंगे, और समाज में कलह और तनाव का माहौल होगा।
- प्राकृतिक आपदाएं: कलयुग में प्राकृतिक आपदाएं बढ़ेंगी। भूकंप, बाढ़, सूखा, और तूफान जैसी घटनाएं आम हो जाएंगी।
- रोगों का प्रकोप: कलयुग में रोगों का प्रकोप बढ़ेगा। लोग अनेक प्रकार की बीमारियों से ग्रस्त होंगे, और इन बीमारियों का इलाज करना भी मुश्किल होगा।
- स्त्रियों का अपमान: कलयुग में स्त्रियों का अपमान होगा। उनका सम्मान नहीं किया जाएगा, और उन्हें अनेक प्रकार के अत्याचारों का सामना करना पड़ेगा।
इन लक्षणों के अलावा भी कलयुग में अनेक अन्य अनिष्टकारी घटनाएं घटित होंगी।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कलयुग के सभी लक्षण हर व्यक्ति पर लागू नहीं होते हैं। कुछ लोग इन लक्षणों से बच सकते हैं, यदि वे सदाचारी जीवन जीते हैं और धर्म का पालन करते हैं।
लेकिन यह भी सच है कि कलयुग का प्रभाव धीरे-धीरे समाज पर बढ़ रहा है।
अतः हमें सचेत रहना चाहिए और इन लक्षणों से बचने का प्रयास करना चाहिए। हमें सदाचार का जीवन जीना चाहिए, धर्म का पालन करना चाहिए, और दूसरों के प्रति दयालु और सहानुभूतिपूर्ण होना चाहिए।
यदि हम ऐसा करेंगे तो हम कलयुग के दुष्प्रभावों से बच सकते हैं और एक बेहतर जीवन जी सकते हैं।