हाल ही में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर से बैन हटाने के फैसले पर एडवोकेट बलराज मलिक ने कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों का RSS की शाखाओं में जाना संविधान के खिलाफ है और इसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।
एडवोकेट मलिक ने कहा, "RSS कोई मानवतावादी संगठन नहीं है, यह संगठन देश को बांटने और हिंदू राष्ट्र की बात करता है। इस संगठन को सबसे पहले अपनी देशभक्ति साबित करनी चाहिए। उन्हें हिंदू-मुस्लिम विभाजन बंद करना चाहिए और अपनी संस्था का ऑडिट करवाना चाहिए।"
एडवोकेट बलराज मलिक ने यह भी मांग की कि RSS को सुप्रीम कोर्ट में ऐफिडेविट दाखिल करना चाहिए कि वह देश को बांटने का काम नहीं करेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो बैन नहीं हटना चाहिए।
RSS पर से बैन हटाये जाने पर एडवोकेट बलराज मलिक जी भड़के,
— 𝙈𝙪𝙧𝙩𝙞 𝙉𝙖𝙞𝙣 (@Murti_Nain) July 24, 2024
सरकारी कर्मचारियों का RSS की शाखाओं में जाना संविधान के विरुद्ध है,
RSS मानवतावादी संगठन नहीं है, ये देश को बांटने और हिंदू राष्ट्र की बात करता है,
सबसे पहले RSS अपनी देशभक्ति साबित करे, हिंदू-मुस्लिम करना बंद करे, अपनी… pic.twitter.com/95STX94rMi
उन्होंने घोषणा की, "हम इस फैसले को कोर्ट में चुनौती देंगे। सरकारी कर्मचारियों का RSS की शाखाओं में जाना न केवल संविधान के विरुद्ध है, बल्कि यह देश के लोकतांत्रिक ढांचे के लिए भी खतरा है।"
इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है और विभिन्न संगठनों ने इस मुद्दे पर अपने-अपने विचार व्यक्त किए हैं। अब देखना यह है कि कोर्ट में इस मामले का क्या परिणाम निकलता है और सरकारी कर्मचारियों के लिए इस मामले का क्या प्रभाव पड़ता है।