सावन का महीना हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। इस महीने में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सावन के मंगलवार का व्रत भी विशेष लाभकारी होता है? यह व्रत विशेष रूप से देवी की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है, जिससे वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
मंगलवार का दिन देवी मां को समर्पित होता है। इस दिन व्रत करने से देवी की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जो वैवाहिक जीवन में आने वाली समस्याओं को दूर करने में सहायक होती है। इस व्रत को करने से पति-पत्नी के बीच प्रेम और समझ बढ़ती है, और घर में खुशहाली बनी रहती है।
व्रत की विधि:
- स्नान और पूजा की तैयारी: मंगलवार के दिन प्रातः काल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- देवी की पूजा: एक स्वच्छ स्थान पर देवी मां की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। इसके बाद, देवी मां का ध्यान कर उन्हें पुष्प, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
- व्रत का संकल्प: देवी मां के सामने व्रत का संकल्प लें और पूरे दिन निराहार रहकर व्रत का पालन करें। यदि स्वास्थ्य कारणों से निराहार नहीं रह सकते, तो फलाहार कर सकते हैं।
- शाम की पूजा: संध्या समय पुनः देवी मां की पूजा करें और आरती उतारें। इसके बाद फल और मिठाई का भोग लगाकर व्रत समाप्त करें।
व्रत के लाभ:
- वैवाहिक जीवन में सुख-शांति: देवी मां की कृपा से पति-पत्नी के बीच के विवाद समाप्त होते हैं और उनका रिश्ता और मजबूत होता है।
- घर में खुशहाली: इस व्रत को करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और सभी सदस्य स्वस्थ और खुशहाल रहते हैं।
- मनोकामना पूर्ति: देवी मां की आराधना से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में आने वाली समस्याएं दूर होती हैं।
मान्यताएँ:
हिंदू धर्म में माना जाता है कि सावन का मंगलवार का व्रत करने से देवी मां का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस व्रत को करने से न केवल वैवाहिक जीवन में सुख-शांति प्राप्त होती है, बल्कि संतान प्राप्ति और अन्य सभी इच्छाएं भी पूर्ण होती हैं।
सावन का यह पवित्र महीना और मंगलवार का व्रत जीवन में नई ऊर्जा और सकारात्मकता लाता है। इसलिए, यदि आप भी अपने वैवाहिक जीवन में सुख-शांति और खुशहाली चाहते हैं, तो सावन के मंगलवार का व्रत अवश्य करें और देवी मां की कृपा प्राप्त करें।