वाराणसी: एक चौंकाने वाली घटना ने वाराणसी के प्रशासनिक अधिकारियों और दलित समाज के लोगों को हिला कर रख दिया है। मिली जानकारी के अनुसार, एक दलित एसडीएम पर एसडीएम कोर्ट में कुछ मनुवादी दबंगों ने हमला बोल दिया। इस वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि दबंगों का हुजूम एसडीएम को घेरकर मारपीट कर रहा है, जबकि एसडीएम ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, लेकिन वे रुकने का नाम नहीं ले रहे थे।
यह घटना वाराणसी के एसडीएम कोर्ट की बताई जा रही है। इस वीडियो के सामने आने के बाद से प्रशासनिक महकमे में हलचल मच गई है। सवाल उठ रहे हैं कि अगर एक एसडीएम जैसे उच्च पद पर बैठे दलित अधिकारी सुरक्षित नहीं हैं, तो गांव-देहात के गरीब दलितों की स्थिति कितनी गंभीर होगी?
Sdm बनकर भी दलित सुरक्षित नही तो सोचो गरीब गांव देहात के लोगो की दुर्दशा क्या होगी? https://t.co/TN3vQlcMJD
— Nirdesh Singh (@didinirdeshsing) July 19, 2024
इस घटना ने देश में दलित सुरक्षा और सामाजिक न्याय पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। घटना के बाद से दलित समाज में रोष व्याप्त है और उन्होंने इस घटना की कड़ी निंदा की है। उनका कहना है कि यह घटना न केवल दलित समाज के प्रति पूर्वाग्रह और असमानता को दर्शाती है, बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था की खामियों को भी उजागर करती है।
BJP ने अपने वादों में राम राज्य का वादा किया था, जहां हर व्यक्ति सुरक्षित हो। लेकिन इस घटना ने इस वादे पर सवालिया निशान लगा दिया है। दलित समाज के लोगों का कहना है कि यदि एसडीएम स्तर के अधिकारी भी सुरक्षित नहीं हैं, तो आम लोगों की सुरक्षा की उम्मीद कैसे की जा सकती है?
घटना के बाद से प्रशासनिक अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह आश्वासन दलित समाज के भय और असुरक्षा की भावना को कम कर पाएगा?
इस घटना ने एक बार फिर से यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हमारे समाज में जातिवाद और असमानता कितनी गहरी जड़ें जमाए हुए है। जब तक समाज में समानता और न्याय का भाव नहीं आता, तब तक इस तरह की घटनाएं होती रहेंगी और दलित समाज का शोषण होता रहेगा।