लखनऊ, 11 जुलाई, 2024: क्या आप जानते हैं कि पूरी नींद न लेने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है? हाल के वर्षों में, कई अध्ययनों ने नींद की कमी और कैंसर के खतरे के बीच संबंध स्थापित किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि नींद की कमी शरीर के कई ऐसे कार्यों को बाधित कर सकती है जो कैंसर से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
नींद की कमी और कैंसर के बीच संबंध:
- कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली: नींद की कमी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकती है, जिससे शरीर कैंसर कोशिकाओं से लड़ने में कम सक्षम हो जाता है।
- डीएनए क्षति: नींद के दौरान, शरीर डीएनए क्षति की मरम्मत करता है। नींद की कमी से डीएनए क्षति जमा हो सकती है, जिससे कैंसर हो सकता है।
- हार्मोन में बदलाव: नींद की कमी हार्मोन के स्तर को बदल सकती है, जैसे कि मेलाटोनिन, जो कैंसर के विकास को बढ़ावा दे सकता है।
विशेषज्ञों की राय:
विशेषज्ञों का कहना है कि वयस्कों को हर रात 7-8 घंटे की नींद लेनी चाहिए। यदि आपको नींद में परेशानी हो रही है, तो डॉक्टर से सलाह लें। नींद की कमी को दूर करने के लिए आप कुछ उपाय भी कर सकते हैं, जैसे:
- एक नियमित नींद का समय निर्धारित करें और उसका पालन करें।
- सोने से पहले कैफीन और शराब से बचें।
- सोने से पहले आराम करें।
- अपने बेडरूम को अंधेरा, शांत और ठंडा रखें।
- नियमित रूप से व्यायाम करें, लेकिन सोने के करीब व्यायाम न करें।
पूरी नींद लेना न केवल आपके समग्र स्वास्थ्य और भलाई के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह कैंसर के खतरे को कम करने में भी मदद कर सकता है। यदि आपको नींद में परेशानी हो रही है, तो डॉक्टर से सलाह लें और स्वस्थ नींद की आदतें विकसित करने के लिए कदम उठाएं।
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