बिजनौर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां बीजेपी नगर चेयरमैन के बेटे अभिनव सिंह ने बाप की उम्र के बुजुर्ग दंपत्ति को बेरहमी से पीटा। इस घटना ने स्थानीय समुदाय में आक्रोश और चिंता की लहर पैदा कर दी है, खासकर तब जब पुलिस भी अभिनव का बचाव कर रही है और बुजुर्ग दंपत्ति की शिकायत पर ध्यान नहीं दे रही है।
घटना के विवरण के अनुसार, अभिनव सिंह ने बुजुर्ग दंपत्ति को ऐसी स्थिति में पीटा कि उनकी स्थिति गंभीर हो गई। पीटने के दौरान अभिनव लगातार उन्हें धमकाते हुए कह रहा था, "शांति से खड़ा रहो, बोल मत, बोल मत... दस तक गिनूंगा।" इस तरह की धमकियों के साथ, उसने बुजुर्ग दंपत्ति को बेरहमी से पीटा, जिससे उनके चोटें आईं और उनके स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ा।
इस घटना के बाद बुजुर्ग दंपत्ति ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन पुलिस का रवैया उनके प्रति अत्यंत उदासीन रहा। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस ने जानबूझकर इस मामले को नजरअंदाज किया और अभिनव सिंह का बचाव किया। पुलिस की इस असंवेदनशीलता और पक्षपातपूर्ण व्यवहार ने समाज के न्याय व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
शांति से खड़ा रह....बोल मत..बोल मत... दस तक गिनूंगा..
— Kavish Aziz (@azizkavish) July 25, 2024
बाप की उम्र के बुजुर्ग दम्पत्ति को पीटने वाला 'बिजनौर बीजेपी नगर चेयरमैन' का बेटा अभिनव सिंह है..
बताया जा रहा है की पुलिस भी अभिनव का बचाव कर रही है और बुजुर्ग दंपत्ति की बात नहीं सुन रही pic.twitter.com/wZyeue2Qyl
स्थानीय लोगों ने कहा कि अभिनव सिंह के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है, जबकि वह खुलेआम बुजुर्गों की पिटाई कर रहा था। यह घटना बीजेपी नगर चेयरमैन के परिवार की तरफ से न्याय की अवहेलना और पुलिस की निष्क्रियता को उजागर करती है। लोगों का मानना है कि यदि एक राजनीतिक पार्टी से जुड़े व्यक्ति के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं की जाती है, तो यह समाज में कानून और व्यवस्था के प्रति विश्वास को कमजोर करता है।
हालांकि पुलिस प्रशासन ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है, लेकिन समाज के विभिन्न वर्गों ने इस पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं और नेताओं ने पुलिस की निष्क्रियता और बीजेपी नगर चेयरमैन के परिवार द्वारा किए गए अपराध की जांच की मांग की है।
इस मामले में न्याय की मांग करते हुए कई सामाजिक संगठनों ने विरोध प्रदर्शन भी किया है और सरकार से अनुरोध किया है कि इस घटना की निष्पक्ष जांच की जाए और जिम्मेदार लोगों को सजा दी जाए। यह स्थिति स्पष्ट करती है कि राजनीति और शक्ति का दुरुपयोग कैसे आम लोगों के जीवन को प्रभावित कर सकता है और न्याय के प्रति उनकी उम्मीदों को कैसे तोड़ सकता है।
अब यह देखना होगा कि इस मामले में प्रशासन और पुलिस किस प्रकार की कार्रवाई करते हैं और क्या सच में बुजुर्ग दंपत्ति को न्याय मिलेगा। समाज की निगाहें इस पर टिकी हुई हैं कि क्या व्यवस्था का असली चेहरा सामने आएगा और दोषियों को उनके किए की सजा मिलेगी।