मुज़फ्फरनगर: उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर जिले के मीनाक्षी चौक पर मंगलवार को एक बेहद ही दर्दनाक घटना घटी। कावड़ियों के एक समूह ने एक मानसिक दिव्यांग युवक को बेरहमी से पीटकर अधमरा कर दिया। इस हमले की वजह मात्र यह थी कि दिव्यांग युवक ने डंडा दिखाकर उनका रास्ता रोकने की कोशिश की थी।
घटना के समय मीनाक्षी चौक पर ट्रैफिक पुलिस की तैनाती थी। ट्रैफिक पुलिस के एक जवान, जिनका नाम अभी सामने नहीं आया है, ने अपनी जान की परवाह किए बिना उस विक्षिप्त युवक को भीड़ के चंगुल से छुड़ाया और तुरंत उसे नजदीकी अस्पताल पहुँचाया।
एसएचओ ओमप्रकाश ने घटना की जानकारी देते हुए कहा, "जिस युवक की पिटाई हुई है वह जांच में मानसिक विक्षिप्त निकला। घायल को हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है और उसकी स्थिति स्थिर बनी हुई है।" उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस मामले की पूरी गंभीरता से जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
UP के मुज़फ्फरनगर में मीनाक्षी चौक पर कावडियो ने डंडा दिखाने पर एक मानसिक दिव्यांग को पीटकर अधमरा कर दिया। ट्रेफिक पुलिस के एक जवान ने अपनी जान हथेली पर रखकर विक्षिप्त की जान बचाई। SHO ओमप्रकाश ने कहा "जिस युवक की पिटाई हुई है वह जांच में मानसिक विक्षिप्त निकला। घायल को हॉस्पिटल… pic.twitter.com/XCsWunAt4n
— TRUE STORY (@TrueStoryUP) July 24, 2024
घटना के चश्मदीद गवाहों के अनुसार, यह घटना दोपहर के समय हुई जब कावड़ियों का एक बड़ा समूह मीनाक्षी चौक से गुजर रहा था। अचानक ही उस मानसिक दिव्यांग युवक ने डंडा दिखाकर उनका रास्ता रोकने की कोशिश की, जिससे कावड़िए आक्रोशित हो गए और उन्होंने उस युवक को पीटना शुरू कर दिया।
जब पुलिस जवान ने यह देखा तो वह तुरंत हरकत में आया और अपनी जान की परवाह किए बिना भीड़ के बीच में घुस गया। उसने विक्षिप्त युवक को बचाने के लिए अपनी जान हथेली पर रख दी। जवान की इस बहादुरी ने विक्षिप्त युवक की जान बचाई और उसे अस्पताल पहुँचाया गया, जहाँ उसका इलाज चल रहा है।
इस घटना ने मुज़फ्फरनगर के लोगों में गहरा आक्रोश और चिंता पैदा कर दी है। स्थानीय निवासियों ने पुलिस और प्रशासन से मांग की है कि वे कावड़ियों के खिलाफ सख्त कदम उठाएं और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस उपाय करें।
इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि समाज में संवेदनशीलता और सहानुभूति की कितनी जरूरत है। पुलिस जवान की बहादुरी और त्वरित कार्रवाई ने एक अनमोल जीवन को बचाया है और यह उम्मीद जगाई है कि सही समय पर सही कदम उठाकर हम बड़ी दुर्घटनाओं को टाल सकते हैं।