फैज़ाबाद, 24 जुलाई 2024: रामायण के प्रमुख पात्रों में से एक, अरुण गोविल ने हाल ही में योगी आदित्यनाथ सरकार की नीतियों का समर्थन किया है और कांवड़ यात्रा के दौरान बढ़ती समस्याओं को लेकर अपने विचार साझा किए हैं। गोविल ने स्पष्ट किया है कि रामायण काल में भी पहचान बदलकर ऋषि-मुनि और देवताओं की तपस्या को भंग किया जाता था, और आज भी कुछ लोग कांवड़ियों के साथ ऐसा ही व्यवहार करने की कोशिश कर रहे हैं।
अरुण गोविल ने इस संदर्भ में कहा, “नेमप्लेट लगाने का फैसला बिल्कुल सही है, इसमें कहीं कुछ भी गलत नहीं है। हमें यह जानने का पूरा अधिकार है कि हम किसके यहां खाना खा रहे हैं। यह जानकारी हमें सुरक्षा के लिहाज से भी आवश्यक है।”
अरुण गोविल ने किया योगी सरकार का समर्थन !
— Panchjanya (@epanchjanya) July 24, 2024
"नेमप्लेट लगाने का फैसला बिल्कुल सही है, इसमें कहीं कुछ भी गलत नहीं है।"
"हम किसके यहां खाना खा रहे हैं उसके बारे में जानने का हमें पूरा अधिकार है।"
रामायण काल में पहचान बदलकर ऋषि-मुनि-देवताओं की तपस्या भंग की जाती है।
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उनका कहना है कि प्राचीन कथाओं में भी इस तरह के घटनाक्रम देखने को मिलते हैं जहां पहचान बदलकर ऋषि-मुनि की तपस्या को बाधित किया जाता था। उन्होंने बताया कि आज भी कुछ असामाजिक तत्व कांवड़ियों के साथ वही कृत्य करने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे समाज में अशांति फैलती है।
अरुण गोविल ने योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से कांवड़ यात्रा के दौरान सुरक्षा और व्यवस्था को बेहतर बनाने के प्रयासों की सराहना की और जनता से अपील की कि वे भी इस पवित्र यात्रा के दौरान अनुशासन और संयम बनाए रखें।
उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब कांवड़ यात्रा के दौरान सुरक्षा और पहचान को लेकर विवाद उठ रहे हैं। गोविल का कहना है कि धार्मिक यात्राओं और आयोजनों में अनुशासन बनाए रखना सभी के हित में है और इससे समाज में शांति और समरसता बनी रहती है।