डिप्रेशन आजकल एक आम समस्या बनती जा रही है। कई लोग इस बीमारी से जूझ रहे हैं। इलाज के लिए डॉक्टर अक्सर दवाएं लिखते हैं, लेकिन कई बार ये दवाएं भी डिप्रेशन को पूरी तरह से खत्म नहीं कर पाती हैं। ऐसे में यह सवाल उठता है कि आखिर दवाएं अपना असर क्यों नहीं दिखा पा रही हैं?
दवाओं के काम न करने के पीछे कई कारण हो सकते हैं:
गलत दवा का चुनाव: हर व्यक्ति का डिप्रेशन अलग होता है और हर व्यक्ति के लिए अलग दवा कारगर हो सकती है। कई बार डॉक्टर गलत दवा का चुनाव कर देते हैं, जिससे वह डिप्रेशन पर असर नहीं दिखा पाती है।
दवा की गलत खुराक: दवा की खुराक भी महत्वपूर्ण होती है। यदि दवा की खुराक कम या ज्यादा हो, तो भी वह अपना पूरा असर नहीं दिखा पाएगी।
दवाओं का गलत सेवन: कई बार मरीज दवाओं का सही तरीके से सेवन नहीं करते हैं। जैसे कि, कुछ दवाओं को खाली पेट लेना होता है, जबकि कुछ दवाओं को भोजन के साथ। यदि दवाओं का सही तरीके से सेवन नहीं किया जाता है, तो भी वह अपना पूरा असर नहीं दिखा पाएंगी।
अन्य स्वास्थ्य समस्याएं: यदि किसी व्यक्ति को कोई अन्य स्वास्थ्य समस्या भी है, तो दवाएं अपना पूरा असर नहीं दिखा पाएंगी। उदाहरण के लिए, यदि किसी व्यक्ति को थायराइड की समस्या है, तो एंटीडिप्रेसेंट दवाएं उस पर उतना असर नहीं दिखाएंगी।
जैविक कारण: कुछ मामलों में, डिप्रेशन का कारण जैविक होता है, जैसे कि मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर का असंतुलन। ऐसे मामलों में, दवाएं पूरी तरह से कारगर नहीं हो सकती हैं।
मनोवैज्ञानिक कारण: डिप्रेशन का कारण कई बार मनोवैज्ञानिक भी होता है, जैसे कि तनाव, चिंता, या आघात। ऐसे मामलों में, केवल दवाएं ही पर्याप्त नहीं होती हैं, बल्कि मनोचिकित्सा भी आवश्यक होती है।
यदि आप डिप्रेशन से जूझ रहे हैं और दवाएं अपना असर नहीं दिखा रही हैं, तो आपको डॉक्टर से मिलकर बात करनी चाहिए। डॉक्टर आपके डिप्रेशन के कारण का पता लगाकर उचित इलाज की सलाह देंगे।