लखनऊ, 11 जुलाई, 2024: बढ़ते वायु प्रदूषण के साथ-साथ हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि वायु में मौजूद हानिकारक कण हृदय और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे हृदय गति रुकने और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
वायु प्रदूषण और हृदय स्वास्थ्य पर इसका प्रभाव:
- पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5): ये सूक्ष्म कण फेफड़ों में गहराई तक जा सकते हैं और रक्तप्रवाह में प्रवेश कर सकते हैं। इससे हृदय की मांसपेशियों में सूजन और रक्त के थक्के बनने का खतरा बढ़ जाता है।
- ओजोन (O3): यह गैस वायुमंडल में मौजूद रसायनों की प्रतिक्रिया से बनती है। यह फेफड़ों को परेशान कर सकती है और सांस लेने में तकलीफ पैदा कर सकती है, जिससे हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
- नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2): यह गैस मुख्य रूप से वाहनों और बिजली संयंत्रों से निकलती है। यह रक्त वाहिकाओं को सख्त कर सकती है और रक्तचाप बढ़ा सकती है।
वायु प्रदूषण से बचाव के उपाय:
- घर के अंदर रहें: जब वायु गुणवत्ता खराब हो, तो जितना हो सके घर के अंदर रहें। खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें।
- एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें: यदि आप बाहर जाना जरूरी है, तो N95 या उच्च-गुणवत्ता वाला फेस मास्क पहनें।
- सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें: निजी वाहन चलाने के बजाय सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें।
- कम उत्सर्जन वाले उपकरणों का उपयोग करें: घर में कम उत्सर्जन वाले उपकरणों का उपयोग करें, जैसे कि ऊर्जा-कुशल उपकरण और गैस-मुक्त स्टोव।
- धूम्रपान न करें: धूम्रपान हृदय और फेफड़ों के लिए हानिकारक है।
- स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं: स्वस्थ आहार खाएं, नियमित रूप से व्यायाम करें और अपना वजन नियंत्रित रखें।
हृदय रोग के जोखिम वाले लोगों के लिए:
- यदि आपको पहले से ही हृदय रोग है, तो अपने डॉक्टर से बात करें कि वायु प्रदूषण से कैसे बचाव किया जाए।
- अपनी दवाएं नियमित रूप से लें और अपने डॉक्टर से नियमित रूप से मिलते रहें।
वायु प्रदूषण एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो हृदय रोग सहित कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। हम सभी को वायु प्रदूषण को कम करने और अपने और अपने प्रियजनों को इसके हानिकारक प्रभावों से बचाने के लिए मिलकर प्रयास करना चाहिए।
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