गरुड़ पुराण, हिंदू धर्म के 18 महापुराणों में से एक, मृत्यु और मृत्यु के बाद के जीवन का विस्तृत वर्णन करता है। इसमें स्वर्ग और नरक के अनेक भेदों का उल्लेख है। यहाँ हम गरुड़ पुराण के अनुसार 7 सबसे भयानक नरकों और उनमें दिए जाने वाले दंडों के बारे में जानेंगे।
1. तामस:
- यह नरक अंधकारमय और भयानक है।
- यहाँ पापियों को भयंकर भूख और प्यास का सामना करना पड़ता है।
- उन्हें मल-मूत्र में सने हुए भोजन खाने को दिए जाते हैं।
2. अंधतामिस्र:
- इस नरक में सदैव घना अंधकार छाया रहता है।
- पापियों को यहाँ दिशा का ज्ञान नहीं होता और वे भटकते रहते हैं।
- उन्हें भयंकर पीड़ा का सामना करना पड़ता है।
3. महास्राव:
- इस नरक में पापियों पर लगातार गर्म खून, मवाद और मल-मूत्र की वर्षा होती रहती है।
- उन्हें सांस लेने में भी तकलीफ होती है।
4. रक्तस्रोत:
- इस नरक में पापियों को भयंकर रक्तपात का सामना करना पड़ता है।
- उनके शरीर से लगातार रक्त बहता रहता है और उन्हें अत्यधिक पीड़ा होती है।
5. शूलवृष्टि:
- इस नरक में पापियों पर लोहे की गरम सुइयों की वर्षा होती रहती है।
- उन्हें शरीर में तीव्र वेदना का सामना करना पड़ता है।
6. कुम्भीपाक:
- इस नरक में पापियों को उबलते हुए तेल, रक्त और मवाद से भरे हुए कुंडों में डाल दिया जाता है।
- उन्हें भयंकर पीड़ा का सामना करना पड़ता है।
7. अविचि:
- यह नरक सभी नरकों में सबसे भयानक माना जाता है।
- यहाँ पापियों को क्रूर यमदूतों द्वारा अत्यधिक यातनाएं दी जाती हैं।
गरुड़ पुराण का यह वर्णन हमें सिखाता है कि पापों के भयानक परिणाम होते हैं। हमें सदैव सदाचारी जीवन जीने का प्रयास करना चाहिए ताकि मृत्यु के बाद हमें इन भयानक नरकों का सामना न करना पड़े।
ध्यान दें:
यह जानकारी केवल धार्मिक ग्रंथों पर आधारित है। मृत्यु के बाद के जीवन का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
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