रामायण में रावण को एक क्रूर और अहंकारी राजा के रूप में चित्रित किया गया है। लेकिन, कुछ क्षण ऐसे भी थे जब रावण ने ज्ञान और विवेक का प्रदर्शन किया। मृत्यु के समय रावण ने लक्ष्मण को जीवन के 5 महत्वपूर्ण सच बताये थे, जो आज भी प्रासंगिक हैं।
1. क्रोध विनाश का कारण है: रावण ने स्वीकार किया कि क्रोध ने ही उसकी बुद्धि को भ्रमित कर दिया और उसे गलत निर्णय लेने पर मजबूर किया। उसने लक्ष्मण को सलाह दी कि वे सदैव शांत और धैर्यवान रहें और क्रोध को अपने ऊपर हावी न होने दें।
2. अभिमान का पतन निश्चित है: रावण ने माना कि अहंकार ने ही उसे हार का सामना करना पड़ा। उसने लक्ष्मण को सिखाया कि विनम्रता और सादगी जीवन में सफलता और सम्मान प्राप्त करने की कुंजी है।
3. सत्य का मार्ग ही श्रेष्ठ है: रावण ने स्वीकार किया कि उसने सदैव सत्य की उपेक्षा की और अन्याय का मार्ग अपनाया। उसने लक्ष्मण को सदैव सत्य की राह पर चलने और सदैव न्यायपूर्ण आचरण करने की प्रेरणा दी।
4. क्षमा ही शक्तिशाली है: रावण ने मृत्यु के समय लक्ष्मण से क्षमा मांगी और उन्हें क्षमा का महत्व समझाया। उसने कहा कि क्रोध और प्रतिशोध विनाश की ओर ले जाते हैं, क्षमा ही शांति और समृद्धि का मार्ग है।
5. मृत्यु अनिवार्य है: रावण ने लक्ष्मण को सिखाया कि मृत्यु जीवन का सत्य है और इसे स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मनुष्य को सदैव अच्छे कर्म करना चाहिए और जीवन का हर पल भरपूर जीना चाहिए।
रावण के ये 5 सच आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने कि सदियों पहले थे। ये सच हमें सिखाते हैं कि हमें क्रोध, अभिमान और अन्याय से दूर रहकर सदैव सत्य, क्षमा और विनम्रता का मार्ग अपनाना चाहिए।
यह कहानी हमें यह भी याद दिलाती है कि मृत्यु अनिवार्य है और हमें जीवन का हर पल भरपूर जीना चाहिए।