बरेली गोलीकांड: बरेली में 22 जून को ज़मीन पर कब्जे की लड़ाई के चलते दो गुटों के बीच खुली फायरिंग हुई, जिस पर पुलिस प्रशासन ने कठोर कदम उठाते हुए आरोपी आदित्य उपाध्याय के भव्य रिजॉर्ट पर बुलडोजर चला दिया।
आदित्य उपाध्याय के गुट की तरफ से ही राजीव राणा के अनुयायियों पर गोलियाँ चलाई गईं थीं। इससे पहले प्रशासन ने राजीव राणा के अवैध होटल और दुकान को भी बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया था। अब दूसरी ओर से भी कार्रवाई की गई।
शुक्रवार को बरेली विकास प्राधिकरण की टीम भारी पुलिस बल के साथ आदित्य उपाध्याय के भव्य सावरिया रिजॉर्ट पर पहुँची, जिसके बाद बुलडोजर की कार्रवाई की गई। बताया जा रहा है कि सावरिया रिजॉर्ट के ध्वस्तीकरण का आदेश अक्टूबर 2021 में जारी हो चुका था लेकिन तब यह कार्रवाई नहीं की गई थी। बरेली गोलीकांड में नाम आने के बाद बीडीए ने अपनी निद्रा त्यागी और यह कार्रवाई की।
बुलडोजर से ध्वस्त हुआ भव्य रिजॉर्ट
बरेली गोलीकांड का वीडियो भी सामने आया था जिसमें दोनों गुट - आदित्य उपाध्याय और राजीव राणा के अनुयायियों द्वारा फायरिंग की जा रही थी। आदित्य उपाध्याय ने स्वयं दूसरे पक्ष के अनुयायियों पर लाइसेंसी पिस्तौल से गोलियाँ चलाईं, जिसकी तस्वीरें भी कैद हो गईं। इसके बाद प्रशासन ने पहले राजीव राणा के होटल और दुकानों को गिराया और अब आदित्य के रिजॉर्ट को भी धराशायी कर दिया।
बीडीए की इस कार्रवाई पर राजीव राणा की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके घर को बिना किसी कारण के तोड़ा गया। उन्होंने कहा, "मेरा घर और होटल बीडीए से स्वीकृत हैं। मुझ पर झूठा मुकदमा दर्ज कर घर तोड़ा गया है। इसमें मेरा और मेरे परिवार का कोई दोष नहीं है। हमारा पूरा परिवार सड़क पर आ गया है। यह हम जैसे बीजेपी के अंधभक्तों के लिए एक चेतावनी है, जो हमारे साथ हुआ है। इससे हमारी आँखें खुलेंगी और हमारे भीतर से अंधभक्ति समाप्त होगी।"