नई दिल्ली, 4 जून 2024: पुराने से पुराने दाद का इलाज अब एक सप्ताह में संभव है। हाल ही में किए गए एक अध्ययन से यह खुलासा हुआ है कि आयुर्वेदिक उपचारों का उपयोग करके दाद को मात्र सात दिनों में समाप्त किया जा सकता है। इस उपचार में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का उपयोग किया जाता है, जो बिना किसी साइड इफेक्ट के दाद की समस्या को जड़ से खत्म कर देती हैं।
आयुर्वेदिक उपचार की प्रमुख जड़ी-बूटियाँ
इस उपचार में मुख्यतः निम्नलिखित आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का उपयोग किया जाता है:
1. नीम: नीम में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो त्वचा के संक्रमण को खत्म करने में सहायक होते हैं।
2. तुलसी: तुलसी की पत्तियों का रस त्वचा पर लगाने से दाद में आराम मिलता है और संक्रमण की वृद्धि रुक जाती है।
3. हल्दी: हल्दी में कुरकुमिन पाया जाता है, जो एक शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट है। यह त्वचा की सूजन और खुजली को कम करता है।
4. एलोवेरा: एलोवेरा जेल त्वचा को ठंडक पहुँचाता है और दाद की जलन को शांत करता है।
उपचार की विधि
1. नीम और तुलसी का पेस्ट: नीम की पत्तियों और तुलसी की पत्तियों का पेस्ट बनाकर दाद वाले स्थान पर लगाएं। इसे कम से कम 30 मिनट तक छोड़ दें और फिर गुनगुने पानी से धो लें।
2. हल्दी और एलोवेरा जेल: हल्दी पाउडर और ताजे एलोवेरा जेल को मिलाकर एक पेस्ट तैयार करें। इस पेस्ट को दाद वाले स्थान पर लगाएं और रात भर छोड़ दें। सुबह उठकर इसे धो लें।
विशेषज्ञों की राय
आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. अजय शर्मा के अनुसार, "इन प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का नियमित उपयोग करने से त्वचा संक्रमण से राहत मिलती है और दाद जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। इनका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है और यह उपचार पूरी तरह सुरक्षित है।"
लाभ और सावधानियाँ
इस उपचार का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह पूरी तरह से प्राकृतिक है और इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। हालांकि, अगर किसी व्यक्ति को किसी जड़ी-बूटी से एलर्जी हो, तो उसका उपयोग नहीं करना चाहिए। साथ ही, अगर स्थिति गंभीर हो, तो चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।
पुराने से पुराने दाद का इलाज अब एक सप्ताह में संभव है, और यह उपचार पूरी तरह से प्राकृतिक और सुरक्षित है। आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का नियमित उपयोग करके इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है, जिससे त्वचा फिर से स्वस्थ और सुंदर बन सकती है।