आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह एकादशी मोक्ष प्राप्ति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है।
मान्यताएं
इस एकादशी का व्रत रखने वाले भक्तों को न केवल पापों से मुक्ति मिलती है, बल्कि उन्हें मोक्ष की भी प्राप्ति होती है।
कथा
इस एकादशी से जुड़ी एक पौराणिक कथा है, जिसके अनुसार भगवान विष्णु ने योगिनी नामक एक अप्सरा को मोक्ष का वरदान दिया था।
व्रत विधि
दशमी तिथि के दिन सूर्यास्त से पहले स्नान कर भगवान विष्णु की पूजा करें।
एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और फिर व्रत का संकल्प लें।
पूरे दिन फलाहार ग्रहण करें।
रात्रि में भगवान विष्णु की पूजा करें और जागरण करें।
द्वादशी तिथि के दिन सूर्योदय के बाद व्रत का पारण करें।
विशेष महत्व
इस एकादशी का व्रत रखने से ग्रहों की पीड़ा दूर होती है।
धन-धान्य की प्राप्ति होती है।
रोगों से मुक्ति मिलती है।
दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
निष्कर्ष
योगिनी एकादशी का व्रत आध्यात्मिक उन्नति और मोक्ष प्राप्ति का द्वार खोलता है।