स्मृति ईरानी को मंत्री बनाने में क्यों असफल रहे मोदी जी? जानें पूरा हैरान करने वाला कारण

नई दिल्ली - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैबिनेट विस्तार को लेकर हाल ही में एक रोचक और विवादास्पद घटना सामने आई है। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी स्मृति ईरानी को फिर से केंद्रीय मंत्री बनाने के पक्ष में थे, लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने इसका कड़ा विरोध किया। इस घटना ने न केवल भारतीय राजनीति में हलचल मचा दी है, बल्कि स्मृति ईरानी के समर्थकों और विरोधियों के बीच भी तीखी बहस छेड़ दी है।

 पीएम मोदी का विश्वास और आरएसएस का विरोध

स्मृति ईरानी, जो वर्तमान में अमेठी से सांसद हैं, ने 2019 के आम चुनावों में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को हराकर सबको चौंका दिया था। उनकी इस जीत के बाद से ही पार्टी में उनकी प्रतिष्ठा बढ़ी थी। प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी इस जीत को पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में देखा और इसी कारण उन्हें एक बार फिर मंत्री पद देने का विचार किया। 

लेकिन आरएसएस के वरिष्ठ नेताओं का मानना था कि स्मृति ईरानी का प्रदर्शन पिछले कार्यकाल में उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। आरएसएस का यह भी मानना था कि उनकी कार्यशैली में सुधार की जरूरत है और उन्हें संगठन में और अधिक समय देकर परिपक्वता हासिल करनी चाहिए। संघ के इस फैसले के बाद, पीएम मोदी को अपना निर्णय बदलना पड़ा।

 स्मृति ईरानी का टूटा घमंड

स्मृति ईरानी, जो अपने तेजतर्रार और बेबाक अंदाज के लिए जानी जाती हैं, इस फैसले से काफी आहत हुई हैं। उन्हें उम्मीद थी कि उनकी मेहनत और पार्टी के प्रति निष्ठा को देखते हुए उन्हें मंत्री पद से नवाजा जाएगा। लेकिन आरएसएस के इस कदम ने न केवल उनके राजनीतिक करियर पर असर डाला है, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी ठेस पहुंचाई है।

सूत्रों के अनुसार, स्मृति ईरानी ने इस घटनाक्रम के बाद अपनी नाराजगी जाहिर की है और कुछ समय के लिए मीडिया और सार्वजनिक कार्यक्रमों से दूर रहने का फैसला किया है। उनके समर्थकों का मानना है कि यह उनके लिए आत्ममंथन का समय है और वे जल्द ही और अधिक ऊर्जा के साथ वापसी करेंगी।

 पार्टी में बढ़ती खींचतान

इस घटनाक्रम ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अंदर बढ़ती खींचतान को भी उजागर किया है। एक ओर प्रधानमंत्री मोदी का विश्वास और दूसरी ओर आरएसएस का प्रभाव, दोनों ही कारक पार्टी की नीतियों और फैसलों को प्रभावित कर रहे हैं। यह भी स्पष्ट हो गया है कि आरएसएस का पार्टी के अंदर कितना प्रभाव है और उसके निर्णयों का क्या महत्व है।

 राजनीतिक विश्लेषण

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घटना बीजेपी के अंदर शक्ति संतुलन को दर्शाती है। पीएम मोदी की अपनी पसंदीदा उम्मीदवार को मंत्री पद दिलाने में असफलता यह दर्शाती है कि आरएसएस के विचारों और सुझावों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसके अलावा, यह भी देखा जा रहा है कि स्मृति ईरानी के भविष्य के राजनीतिक कदम क्या होंगे और वे इस चुनौती को कैसे पार करती हैं।

स्मृति ईरानी को मंत्री पद न मिलने की इस घटना ने न केवल भारतीय राजनीति में एक नया मोड़ लाया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि बीजेपी और आरएसएस के बीच किस तरह के समीकरण काम करते हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि स्मृति ईरानी इस घटना से कैसे उबरती हैं और अपनी राजनीतिक यात्रा को किस दिशा में ले जाती हैं।

Rangin Duniya

ranginduniya.com is a Professional Lifestyle, Health, News Etc Platform. Here we will provide you only interesting content, which you will like very much. We're dedicated to providing you the best of Lifestyle, Health, News Etc, with a focus on dependability and Lifestyle. We're working to turn our passion for Lifestyle, Health, News Etc into a booming online website. We hope you enjoy our Lifestyle, Health, News Etc as much as we enjoy offering them to you.

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने

INNER POST ADS

Follow Us