नई दिल्ली: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की है कि नई टोल दरें 3 जून 2024 से लागू होंगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि टोल फीस को संशोधित करना सालाना कवायद का हिस्सा है, जो होलसेल प्राइस इंडेक्स के आधार पर मुद्रास्फीति में होने वाले परिवर्तनों से जुड़ा होता है।
वार्षिक संशोधन की प्रक्रिया
प्रत्येक वर्ष टोल दरों में संशोधन का उद्देश्य मुद्रास्फीति के प्रभाव को समायोजित करना होता है। NHAI के अनुसार, नेशनल हाईवे नेटवर्क पर वर्तमान में लगभग 855 यूजर फीस बेस्ड प्लाजा हैं। इन प्लाजा पर राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क नियम 2008 के तहत यूजर फीस ली जाती है। इनमें से लगभग 675 पब्लिक फंडेड प्लाजा हैं, जबकि 180 प्लाजा रियायतकर्ताओं (Concessionaires) द्वारा संचालित किए जाते हैं।
टोल दरों में 3 से 5 फीसदी की बढ़ोतरी
NHAI के अधिकारी ने समाचार एजेंसी को बताया कि 3 जून 2024 से टोल दरों में 3 से 5 फीसदी की बढ़ोतरी की जाएगी। अधिकारी ने कहा कि चुनावों के दौरान उपयोगकर्ता शुल्क (टोल) दरों में संशोधन को टाल दिया गया था। अब जबकि चुनाव प्रक्रिया समाप्त हो गई है, ये नई दरें प्रभावी हो जाएंगी।
टोल टैक्स और उसका महत्व
टोल टैक्स वह शुल्क है जो वाहन चालकों को कुछ इंटरस्टेट एक्सप्रेसवे, नेशनल और स्टेट हाईवे को पार करते समय देना पड़ता है। यह शुल्क भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के तहत आता है और इसका उपयोग सड़क निर्माण, मरम्मत और रखरखाव के कार्यों के लिए किया जाता है। हालांकि, दोपहिया वाहन चालकों को टोल शुल्क का भुगतान करने से छूट दी गई है।
विपक्ष का विरोध
टोल के रेट में होने वाली वार्षिक वृद्धि का विरोध विपक्षी दलों और कई मोटर चालकों द्वारा किया जाता रहा है। उनका कहना है कि इससे आवश्यक वस्तुओं की परिवहन लागत बढ़ जाती है और यात्रियों पर अनावश्यक आर्थिक बोझ पड़ता है। विपक्षी नेताओं का तर्क है कि टोल टैक्स में वृद्धि से आम जनता की जेब पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और इससे विशेषकर मध्यम और निम्न आय वर्ग के लोग प्रभावित होते हैं।
मुद्रास्फीति और टोल दरें
मुद्रास्फीति का सीधा असर टोल दरों पर पड़ता है। होलसेल प्राइस इंडेक्स (WPI) के आधार पर टोल दरों में परिवर्तन किए जाते हैं। WPI में वृद्धि के कारण ही टोल दरों में बढ़ोतरी आवश्यक हो जाती है। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि सड़क निर्माण और रखरखाव के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध हो सके, जिससे हाईवे नेटवर्क की गुणवत्ता और सुरक्षा बनाए रखी जा सके।
उच्च गुणवत्ता वाली सड़कों का निर्माण
NHAI का मुख्य उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाली सड़कों का निर्माण और रखरखाव करना है। टोल टैक्स से प्राप्त राशि का उपयोग सड़कों की मरम्मत, नए परियोजनाओं के निर्माण और मौजूदा संरचनाओं के सुधार में किया जाता है। इसके अलावा, टोल दरों में किए गए संशोधनों का एक अन्य उद्देश्य यह भी है कि सड़क उपयोगकर्ताओं को बेहतर सेवाएं और सुविधाएं प्रदान की जा सकें।
सार्वजनिक सहभागिता
हालांकि, सार्वजनिक सहभागिता और उनकी चिंताओं को ध्यान में रखना भी आवश्यक है। टोल दरों में होने वाली वृद्धि पर जनता की प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण है। सरकार और NHAI को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि टोल दरों में वृद्धि को पारदर्शी तरीके से लागू किया जाए और जनता को इसके पीछे के कारणों के बारे में सही जानकारी प्रदान की जाए।
3 जून 2024 से लागू होने वाली नई टोल दरें मुद्रास्फीति के प्रभाव को समायोजित करने के उद्देश्य से की गई एक आवश्यक प्रक्रिया का हिस्सा हैं। हालांकि, इसका विरोध भी जारी रहेगा क्योंकि इससे आवश्यक वस्तुओं की परिवहन लागत और यात्रियों पर आर्थिक बोझ बढ़ जाता है। इस विरोध को संतुलित करते हुए, NHAI को उच्च गुणवत्ता वाली सड़कों और बेहतर सेवाओं के माध्यम से जनता के विश्वास को बनाए रखना होगा। जनता की प्रतिक्रिया और उनकी समस्याओं का समाधान भी इस प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होना चाहिए, ताकि सड़क उपयोगकर्ताओं और सरकार के बीच एक स्वस्थ संवाद स्थापित हो सके।