नई दिल्ली: नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव बुधवार को पटना से एक साथ दिल्ली पहुंचे। इस दौरान की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुए। फ्लाइट में दोनों नेताओं को एक साथ बैठे हुए देखा गया, जिससे सबके मन में यह सवाल उठने लगा कि आखिर दोनों के बीच फ्लाइट में क्या बात हुई?
फ्लाइट के पटना से उड़ान भरने के लगभग बीस मिनट बाद, नीतीश कुमार ने पीछे मुड़कर तेजस्वी यादव को अपनी उंगली दिखाई, जिसमें वोट देने का निशान था। इसके बाद उन्होंने तेजस्वी से भी अपनी उंगली दिखाने को कहा। इस बीच, बिजनेस क्लास में सफर कर रहे एक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी, शिशिर सिन्हा, ने नीतीश की बगल में बैठी महिला यात्री से आग्रह किया कि वह पीछे की सीट पर चली जाएं, ताकि तेजस्वी आगे आ सकें और नीतीश कुमार को गर्दन घुमाकर बात न करनी पड़े।
इसके बाद, दिल्ली तक दोनों नेता एक साथ बैठे रहे। हालांकि, उनके बीच असल में क्या बातचीत हुई, इसकी जानकारी सिर्फ नीतीश और तेजस्वी को ही है। बातचीत के कुछ अंशों के बारे में जानकारी मिली है कि नीतीश ने तेजस्वी से उनकी कमर के दर्द के बारे में पूछा।
भारत के चुनाव आयोग द्वारा घोषित परिणामों के अनुसार, भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए ने 543 सदस्यीय संसद में 294 सीटें हासिल कीं, जो बहुमत के आंकड़े 272 से 22 अधिक हैं। वहीं, विपक्षी गठबंधन ने 234 सीटें जीतीं, जो बहुमत से 38 सीटें कम हैं।
ऐसे में, एनडीए के सहयोगी टीडीपी के चंद्रबाबू नायडू और जेडीयू के नीतीश कुमार के पास सत्ता के दरवाजे की चाबी है। दोनों पार्टियों ने बीजेपी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि विपक्षी दलों के नेता भी उन्हें अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहे हैं।
इस समय राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच हुई इस मुलाकात का आगामी राजनीति पर क्या असर पड़ेगा। कई विशेषज्ञों का मानना है कि नीतीश और तेजस्वी के बीच की यह बातचीत बिहार की राजनीति में नए समीकरण पैदा कर सकती है। वहीं, कुछ लोग इसे महज एक औपचारिक मुलाकात मान रहे हैं।
बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव दोनों ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। नीतीश कुमार जहां जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख नेता हैं, वहीं तेजस्वी यादव राष्ट्रीय जनता दल के नेता हैं और राज्य में विपक्ष के प्रमुख चेहरे हैं। इस मुलाकात के पीछे के संभावित उद्देश्यों को लेकर राजनीतिक विश्लेषकों के बीच कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।
फिलहाल, नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच फ्लाइट में हुई बातचीत के सही मायनों का पता लगाना मुश्किल है। लेकिन इतना तो तय है कि यह मुलाकात और इसमें हुई बातचीत आने वाले समय में बिहार और राष्ट्रीय राजनीति पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों नेताओं के बीच यह संवाद किस दिशा में आगे बढ़ता है और इसके क्या नतीजे सामने आते हैं।