काला धागा, जिसे नकारात्मक ऊर्जा से बचाने वाला ताबीज माना जाता है, सदियों से भारतीय संस्कृति का हिस्सा रहा है।
कलाई, गर्दन या पैर में काला धागा बांधना आम बात है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसे पहनने के कुछ नियम और सावधानियां भी हैं?
अगर नहीं, तो यह लेख आपके लिए है।
काला धागा धारण करने से पहले जान लें ये 5 बातें
1. किस हाथ में पहनें काला धागा
दाएं हाथ में काला धागा शुभ माना जाता है।
बाएं हाथ में काला धागा केवल तभी पहना जाना चाहिए जब कोई विशेष पूजा या अनुष्ठान किया जा रहा हो।
2. किस धागे का उपयोग करें
सूती धागे का उपयोग करना सबसे अच्छा होता है।
आप रेशमी या ऊनी धागे का भी उपयोग कर सकते हैं, लेकिन सूती धागा सबसे शुभ माना जाता है।
3. धागा कैसे बांधें
किसी बुजुर्ग या अनुभवी व्यक्ति से धागा बंधवाएं।
धागा बांधते समय ॐ या कोई मंत्र का जाप करें।
4. धागे को कब बदलना चाहिए
काला धागा आमतौर पर एक या दो सप्ताह तक चलता है।
जब धागा टूट जाए या गंदा हो जाए तो उसे बदल देना चाहिए।
5. धागे का निपटान कैसे करें
पुराने काले धागे को किसी बहते हुए पानी, जैसे नदी या नाले में प्रवाहित करें।
आप इसे किसी मंदिर या धार्मिक स्थल पर भी रख सकते हैं।
ध्यान रखें
काला धागा केवल तभी प्रभावी होता है जब आप सच्चे हृदय से विश्वास रखते हैं।
नकारात्मक विचारों और भावनाओं से दूर रहें।
अच्छे कर्म करें और दूसरों की मदद करें।
इन बातों का ध्यान रखकर आप काले धागे से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन में खुशहाली ला सकते हैं।