नई दिल्ली: लोकसभा अध्यक्ष का पद, वह ताकतवर पद है जिसके लिए इस बार चुनावी खींचतान चल रही है। इस बार, स्पीकर के पद के लिए एक बार फिर चुनावी दंगल तेज है। पहले लग रहा था कि एनडीए उम्मीदवार को निष्पक्षता से चुना जाएगा, लेकिन विपक्ष ने अपना उम्मीदवार उतारकर चुनाव की लड़ाई को मजबूत किया है।
एनडीए ने फिर से ओम बिरला को उम्मीदवार बनाया है, जबकि विपक्ष ने के सुरेश (K Suresh) को उतारा है। यह तीसरी बार होने जा रहा है जब लोकसभा अध्यक्ष के लिए चुनाव होगा, जो देश के इतिहास में महत्वपूर्ण घटना होगी।
विपक्ष डिप्टी स्पीकर की मांग पर अड़ा है, जबकि स्पीकर को लेकर भी आम सहमति नहीं बनी है। विपक्ष की नेता राहुल गांधी भी इस मुद्दे पर दृष्टि जमा रहे हैं। अगर वे अपनी मांग पर अड़े रहे तो सांसदों के बीच पर्चियां बांटी जाएंगी।
लोकसभा में सांसदों का संख्या और गणना के बारे में जानकारी देते हुए, बीजेपी के पास 240 सांसद हैं, जबकि NDA के पास कुल 293 सांसद हैं। विपक्ष में कांग्रेस के 98 सांसद हैं और अन्य दलों के पास 14 सांसद हैं। एक सीट खाली है जिसका मतलब अभी अद्यतन नहीं है।
इस बार, टीएमसी और YSRCP ने भी अपने समर्थन का इजहार किया है। टीएमसी के 29 सांसद हैं और YSRCP के लीडर जगन मोहन रेड्डी ने भी ओम बिरला को समर्थन देने का ऐलान किया है।
इस चुनाव में कागज की पर्चियों से वोटिंग की जा सकती है, क्योंकि नए सांसदों को सीटें आवंटित नहीं की गई हैं। इसलिए इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले सिस्टम का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव में, सांसद खुद में से दो सासंदों को सभापति और उपसभापति चुनते हैं। बहुतायत संसदीय बहुमत के जरिए यह चुनाव होता है। लोकसभा में मौजूद आधे से ज्यादा सांसद जिस उम्मीदवार को वोट देते हैं, वही लोकसभा अध्यक्ष बनता है। इस बार NDA के पास बहुमत है, इसलिए ओम बिरला के चुनाव में कोई रोड़ा नहीं होना चाहिए।
चुनावी प्रक्रिया शुरू होने पर सबसे पहले उन नवनिर्वाचित सांसदों का नाम पुकारा जाएगा, जिन्होंने अभी तक संसद सदस्यता की शपथ नहीं ली है। प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ओम बिरला के प्रस्तावक का नाम बुलाएंगे। उसके बाद प्रस्ताव रखने का मौका दिया जाएगा और एक अनुमोदक भी होगा। फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में नए लोकसभा अध्यक्ष के तौर पर ओम बिरला के नाम का प्रस्ताव रखेंगे और सभी दलों से उन्हें निर्विरोध सर्वसम्मति से चुनने का आग्रह करेंगे। यदि विपक्ष अपने उम्मीदवार का प्रस्ताव नहीं करता है, तो ओम बिरला निर्विरोध लोकसभा अध्यक्ष चुन लिए जाएंगे। अगर विपक्ष अपने उम्मीदवार का प्रस्ताव करता है, तो सदन में वोट होगा और विभाजन होगा। जिस प्रस्ताव के पक्ष में साधारण बहुमत प्राप्त होगा, उसी को लोकसभा अध्यक्ष चुना जाएगा।
इसके बाद सदन के नेता यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विपक्ष के नेता निर्वाचित स्पीकर को आसन तक ले जाने की प्रक्रिया पूरी करेंगे। इसी समय प्रोटेम स्पीकर आसन नवनिर्वाचित स्पीकर को सौंप देंगे। उसके बाद सभी दलों के प्रमुख नेता नए स्पीकर को भाषण के जरिए बधाई और शुभकामनाएं देंगे।"